श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय में हो रही रोजगापरक विषय की उपेक्षा

श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय में हो रही रोजगापरक विषय की उपेक्षा
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तीर्थ चेतना न्यूज

ऋषिकेश। श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के ऋषिकेश परिसर में रोजगारपरक विषय योग की हर स्तर पर उपेक्षा हो रही है। योग की अंतर्राष्ट्रीय राजधानी ऋषिकेश में विश्वविद्यालय का योग के प्रति ये रवैया चिंताजनक है।

उल्लेखनीय है कि योग की अंतर्राष्ट्रीय राजधानी ऋषिकेश के गवर्नममेंट पीजी कॉलेज, ऋषिकेश में वर्ष 2003 में सेल्फ फाइनेंस मोड में योग डिप्लोमा शुरू किया गया था। अच्छा रिस्पांस मिलने के बाद इसे एमए योग किया गया। ऑटोनोमस कॉलेज के दौर में भी योग विभाग का खूब रसूख रहा।

यहां से पास आउट हुए छात्र/छात्राएं देश-विदेश में योग के क्षेत्र में खूब नाम कमा रहे हैं। यहां के योग विभाग में खासी संभावनाएं भी हैं। मगर, परिसर में योग विभाग बुरे दौर से गुजर रहा है। विभाग कभी कॉलेज के एक कोने तो कभी दूसरे कोने पर योगाभ्यास करने को मजबूर है।

कॉलेज के विश्वविद्यालय के परिसर में तब्दील होने के बाद उम्मीद जगी थी कि विश्वविद्यालय की ऑटोनोमी की छात्र छाया में योग विभाग तरक्की करेगा। मगर, ऐसा नहीं हुआ। 20-20 साल से यहां काम कर रहे योग शिक्षक अब अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं।

परिसर के योग से संबंधित बातें और भी हैं। बहरहाल, पूर्व के दो कुलपति योग को लेकर रूचि भी दिखा गए। मगर, परिसर में योग के साथ कुछ योग नहीं हो सका। अब नए कुलपति प्रो. एनके जोशी से भी पहले दो कुलपतियों जैसी उम्मीद है।

परिसर में योग विभाग की स्थिति पर लगातार दो दिन से कुलपति प्रो. एनके जोशी से फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया। मगर, फोन नहीं उठा। उनसे बात होने पर विश्वविद्यालय का पक्ष प्रमुखता से प्रकाशित किया जाएगा।

Tirth Chetna

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