निकाय चुनाव को टालने का षड़यंत्र रच रही है भाजपा सरकार

निकाय चुनाव को टालने  का षड़यंत्र रच रही है भाजपा सरकार
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छोटी सरकारों को अफसरशाही के हवाले करने की है तैयारीः बिष्ट

तीर्थ चेतना न्यूज

देहरादून। प्रदेश की भाजपा सरकार अक्तूबर-नवंबर में डयू निकाय चुनाव को टालने की फिराक में हैं। इसके लिए ओबीसी सर्वे के नाम पर ऐसा करने की तैयारी है।

ये कहना है आम आदमी पार्टी के प्रदेश संगठन समन्वयक जोत सिंह बिष्ट का। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तराखंड की भाजपा सरकार ओबीसी के सर्वे के नाम पर निकाय चुनाव को टालने का षड़यंत्र रच रही है। कहा कि निकाय चुनाव टालने का मतलब है कि राज्य सरकार निर्वाचित प्रतिनिधि से जिम्मेदारी हटाकर निकायों को अफसरशाही के हवाले करने वाली है।

ऐसा करके सरकार निकायों में अगले चुनाव तक धन उगाही का काम अधिकारियों के माध्यम से करने की साजिश कर रही है। उन्होंने कहा कि ओबीसी सर्वे आयोग के सदस्य सचिव ओंकार सिंह ने शासन को अपनी रिपोर्ट सौंपते हुए कहा कि खटीमा में ओबीसी सर्वे गलत तरीके से किया गया, धारचूला के सर्वे में भी खामियां बताई गई है।

इसके अलावा जो नौ नगर निगम में भी अभी तक ओबीसी सर्वे अभी तक नहीं किया गया है। जबकि ओबीसी सर्वे पूरा करने की तिथि 31 मार्च 2023 थी। राज्य सरकार जानबूझकर के ओबीसी सर्वे में देर करवा करके तथा उसमें खामियां दिखा करके नगर निकाय चुनाव टालना चाहती है ।

निकाय चुनाव पार्टी सिंबल पर लादे जाते है तथा भाजपा सरकार को अपनी नाकामियों के कारण निकाय चुनाव में हार का डर सता रहा है, जिसका असर लोकसभा चुनाव पर पड़ना तय है। इसलिए वह नगर निकाय चुनाव को टालने की साजिश कर रही है।

उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी राज्य निर्वाचन आयोग से अपील करती है कि नगर निकाय चुनाव समय पर कराए जाएं। अगर राज्य सरकार जानबूझकर निकाय चुनाव टालने का षड्यंत्र करेगी तो इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा और प्रशासकों के माध्यम से निकायों को विकास के लिए मिलने वाली धनराशि की बंदरबांट का मंसूबा पूरा नहीं होने देंगे।

Tirth Chetna

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