शासन का आदेश माने या प्रिंसिपल का

शासन का आदेश माने या प्रिंसिपल का
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हरेला अवकाश पर स्कूल न आने पर शिक्षिकाओं से मांगा स्पष्टीकरण

तीर्थ चेतना न्यूज

ऋषिकेश। एक गर्ल्स इंटर कालेज की शिक्षिकाओं ने शासन के आदेश का पालन किया तो प्रिंसिपल ने स्पष्टीकरण मांग लिया। अब सवाल उठ रहा है कि शासन के आंदेश माने या प्रिंसिपल का।

मामला हरेला पर्व की छुटटी का है। शासन ने 17 जुलाई को अवकाश घोषित किया था। सभी सरकारी शिक्षक/कर्मचारियों ने इस आदेश का पालन किया। एक गर्ल्स इंटर कालेज की कुछ शिक्षिकाओं ने शासन के आदेश के मुताबिक अवकाश रखा तो प्रिंसिपल ने स्पष्टीकरण मांग दिया।

स्पष्टीकरण में कहा गया है कि प्रिंसिपल ने 17 जुलाई को हरेला पर्व हेतु स्कूल में उपस्थित रहने को कहा था। अब सवाल उठ रहा है कि क्या शासन के आदेश को कोई प्रिंसिपल इस तरह से ओपरलैप कर सकती है।

हरेला पर्व जरूर 17 जुलाई को था। मगर, राज्य में हरेला सप्ताह मनाया गया। इसके तहत स्कूल/कॉलेजों में पूरे सप्ताह पौधा रोपण किया गया। बहरहाल, शिक्षिकाएं परेशान हैं। हैरान करने वाली बात ये है कि माफी टाइप में दिए गए कुछ शिक्षिकाओं के स्पष्टीकरण से प्रिंसिपल संतुष्ट नहीं है। ऐसी शिक्षिकाओं से फिर  स्पष्टीकरण मांगा गया है।

प्रिंसिपल के इस रवैए से हर कोई हतप्रभ है। इसको लेकर जितने मुंह उतनी बातें भी हो रही हैं। इसको लेकर अभी प्रिंसिपल या स्कूल का पक्ष नहीं मिल सका है। मिलने पर प्रमुखता से प्रकाशित किया जाएगा।

Tirth Chetna

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