सभी भाषाओं की जननी है संस्कृतः डा. भान सिंह नेगी

सभी भाषाओं की जननी है संस्कृतः डा. भान सिंह नेगी
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तीर्थ चेतना न्यूज

प्रतापनगर। संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है। संस्कृत संस्कारों को पुष्पित और पल्लवित करती है। इसके संरक्षण और संवर्द्धन को व्यवस्था के स्तर से हो रहे प्रयासों को आम जन का सहयोग अपेक्षित है।

ये कहना है भाजपा के दिग्गज नेता डा. भान सिंह नेगी का। डा. नेगी अटल उत्कृष्ट इंटरमीडिएट कॉलेज लमगांव प्रतापनगर में ब्लॉक स्तरीय संस्कृत प्रतियोगिता के शुभारंभ के मौके पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में संस्कृत द्वितीय राजभाषा है।

उत्तराखंड में संस्कृत के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए व्यवस्था के स्तर से तमाम प्रयास हो रहे हैं। इसके सकारात्मक परिणाम भी दिखने लगे हैं। संस्कृत विश्वविद्यालय, संस्कृत शिक्षा निदेशालय, संस्कृत शिक्षा परिषद, संस्कृत अकादमी के साथ ही संस्कृत के 75 अशासकीय विद्यालय/ महाविद्यालय कार्यरत हैं। प्रदेश में दो गांव संस्कृत गांव घोषित हैं।

शीघ्र ही तेरह जनपदों में एक एक संस्कृत गांव बनाने की योजना गतिमान है। संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है, सभी वेद,पुराण, उपनिषद, रामायण, महाभारत जैसे ग्रंथों का लेखन संस्कृत में ही है।

संस्कृत प्रतियोगिता की विभिन्न स्पर्द्धाओं में प्रथम रहे छात्र/छात्राओं को उन्होंने पुरस्कार वितरीत किए। इस मौके पर संस्कृत प्रतियोगिता के ब्लॉक समन्वयक विक्रम बहनिया आदि मौजूद थे।

Tirth Chetna

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