सरकार! अतिक्रमण के खिलाफ कब होगा एक्शन

सरकार! अतिक्रमण के खिलाफ कब होगा एक्शन
Spread the love

तीर्थनगरी ऋषिकेश में चप्पे-चप्पे पर पसरा है अतिक्रमण

तीर्थ चेतना न्यूज

ऋषिकेश। सरकारी भूमि के अतिक्रमणकारियों/कब्जाधारियों के खिलाफ सख्ती के लिए बना कानूनी अखबारांे की कतरनों तक ही सीमित होकर रह गया है।

जी हां, तीर्थनगरी ऋषिकेश में ऐसा ही कुछ लगता और महसूस होता है। तीर्थनगरी ऋषिकेश में चप्पे-चप्पे पर अतिक्रमण पसरा हुआ है। आम और खास द्वारा किया गया अतिक्रमण अक्सर सरकारी मशीनरी का मुंह चिढ़ता दिखता है।

हालात ऐसे बनने लगे हैं कि अतिक्रमणकारी बहुमत की ओर बढ़ रहे हैं। यही हाल रहा तो आने वाले सालों में इसका असर भी देखने को मिलने लगेगा। हालांकि अतिक्रमण के पक्ष में तर्क देने वाली राजनीति शुरू हो चुकी है। इन दिनों तीर्थ नगरी ऋषिकेश में गेट पॉलिटिक्स खासी चर्चा में है। इसके तार भी कहीं न कहीं अतिक्रमण से जुड़े दिख रहे हैं। इस प्रकार के आरोप भी लग रहे हैं।

छोटी सरकारें तो अतिक्रमण को चिन्हित करने तक का साहस नहीं जुटा पा रही हैं। जो सरकारी विभाग अतिक्रमण को चिन्हित कर लाल-नीले निशान लगाते हैं वो अतिक्रमण हटाना अक्सर भूल जाते हैं या कुछ और हो जाता है।

तीर्थनगरी ऋषिकेश यानि देहरादून, टिहरी और पौड़ी जिले के सीमाओं को सम्मिलित रूप। तीनों में से किसी भी जिला प्रशासन ने यहां सरकारी जमीनों पर हुए अतिक्रमण को हटाने के गंभीर प्रयास नहीं किए। खास मौकों पर ठेली, खोम्चों को इधर-उधर करना ही अतिक्रमण हटाने की प्रैक्टिस बनकर रह गई।

प्रशासन के इस रवैए का ही परिणाम है कि अतिक्रमण करने के मामले में लोग अब दुस्साहसी होने लगे हैं। सवाल उठ रहा है कि आखिर अतिक्रमकारियों/कब्जाधारियों के खिलाफ सख्ती बरतने को बना कानून कब लागू होगा। क्या ये कानून सिर्फ अखबारों की कतरनों तक ही सीमित रहेगा या धरातल पर भी इसका असर देखने को मिलेगा।

Tirth Chetna

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *