पहले जमीन लूट की खिड़की खोली और अब सील करने की तैयारी

पहले जमीन लूट की खिड़की खोली और अब सील करने की तैयारी
Spread the love

तीर्थ चेतना न्यूज

ऋषिकेश। उत्तराखंड राज्य में जमीनों की लूट के लिए पहले विकास के नाम पर खिड़की खोली गई। अब खिड़की को सील बंद करने का दम भरा जा रहा है।

पिछले 22 सालों में उत्तराखंड में बाहरी लोगों ने जमीनों की बेतहाशा खरीद फरोख्त की। जिम्मेदार व्यवस्था इस पर हमेशा चुप्पी साधे रही। डांडे-कांठे, गाढ़-गधेर से लगी जमीने भी बाहरी राज्यों के धन्ना सेठ खरीद चुके हैं। ऋषिकेश से श्री बदरीनाथ, श्री केदारनाथ, श्री गंगोत्री और यमुनोत्री मार्गों के आस-पास की अधिकांश जमीन बिक चुकी है।

अब हाई-वे से दूर ब्रांच रूट पर भी बाहरी राज्य के लोगों की नजर पड़ चुकी है। गांवों के चंट चकड़ैत बाहरी लोगों के लिए पैडलर का काम कर रहे हैं और सेफ पैसेज मिल रहा है देहरादून से। विकास के नाम पर भू-कानून में समय-समय पर संशोधन किए गए।

एक-एक संशोधन के बाद बाहरी राज्यों के लोगों ने जमीन खरीदकर खूब लाभ उठाया। भाजपा की 2017 में बनीं त्रिवेंद्र सरकार ने तो एक तरह से जमीन की लूट की खिड़की ही खोल दी थी। तर्क दिया गया कि निवेशक आएंगे और रोजगार लाएंगे। इसके लिए उन्हें जमीन के लिए भटकना न पड़े।

निवेशक हरिद्वार और यूएसनगर तक सीमित रहे। पहाड़ कोई आया नहीं। हां, पहाड़ जमीन औने-पौने दामो में जरूर चली गई। राज्य में नौंकरी घोटाले पर मचे बवाल के बीच भू-कानून को लेकर गठित कमेटी की रिपोर्ट आ गई। दावा हो रहा है कि कमेटी के सुझावों पर गौर कर सरकार भू-कानून में संशोधन कर इसे और सख्त बनाएगी।

हालांकि सरकार के दावों पर उत्तराखंड के आम लोगों को अब भरोसा नहीं रहा। एक साल पूर्व तक अधिक से अधिक भूमि खरीदने की अनुमति देने वाली भाजपा सरकार अब कैसे स्टैंड बदलेगी।

Tirth Chetna

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *