निकाय चुनाव और भाजपा कार्यकर्ताओं का टेंशन
पार्टी में शामिल हुए कांग्रेस नेता और उनके समर्थक बन रहे कारण
तीर्थ चेतना न्यूज
देहरादून। राज्य में जल्द होने वाले निकाय चुनाव ने भाजपा कार्यकर्ताओं का टेंशन बढ़ा दिया है। टेंशन की वजह बन रहे हैं हाल ही में पार्टी मंे शामिल हुए कांग्रेस के नेता और उनके समर्थक।
ये बात किसी से छिपी नहीं है कि भाजपा कार्यकर्ताओं, नेताओं, पूर्व विधायकों, पूर्व मंत्रियों और पूर्व मुख्यमंत्रियों के लिहाज से ओवरलोड हो चुकी है। 2016 में शुरू हुई ओवर लोडिंग का क्रम अभी भी थम नहीं रहा है।
2016 में भाजपा में शामिल हुए कांग्रेसी और उनके समर्थक अब काफी हद तक भाजपा में एडजस्ट हो चुके हैं। इस एडजस्टमेंट में भाजपा के मूल कार्यकर्ताओं ने खासा त्याग किया। अब एक फिर से कांग्रेस से बड़ी संख्या में नेता भाजपा में शामिल हुए हैं।
लोकसभा चुनाव और उसके बाद शामिल हुए नेता और उनके समर्थक अब निकाय चुनाव में पार्टी कार्यकर्ताओं का टेंशन बढ़ाने लगे हैं। टिहरी जिले में टेंशन विजिवल भी हो चुका है। तमाम अन्य क्षेत्रों में भी टेंशन की सूचनाएं मिल रही हैं।
दरअसल, कांग्रेस से भाजपा में आए खुर्रांट नेता स्वयं और अपने समर्थकों की भाजपा में पोजिशन चाहते हैं। निकाय चुनाव की तैयारियों के साथ उक्त नेताओं और समर्थकों ने ख्ुारपेंच करने शुरू भी कर दिए हैं। ये बातें पार्टी कार्यकर्ताओं का टेंशन बढ़ा रही हैं।
कार्यकर्ता चुनाव की तैयारी के साथ उलझन में हैं कि कहीं हाल में पार्टी में आए नेताओं के लिए वोट मांगने की नौबन न आ जाए।
यदि पार्टी ने कांग्रेस से आए नेताओं के एडजस्टमेंट की कोशिशें हुई तो इससे भाजपा के मूल कार्यकर्ताओं के हित प्रभावित होंगे।
यही नहीं ये कांग्रेसयुक्त भाजपा का क्रम भी शुरू हो जाएगा। हालांकि पार्टी के दिग्गज नेता एवं गृहमंत्री अमित शाह ऐलान कर चुके हैं कि पार्टी के मूल कार्यकर्ताओं की उपेक्षा नहीं की जाएगी।
बावजूद इसके भाजपा कार्यकर्ता समझते हैं राजनीति में कुछ भी संभव है। फिर कुछ कांग्रेसी तो पन्ना प्रमुख से आगे की गारंटी के साथ ही आए होंगे।