धूमधाम से मनाया गया गढ़वाल विश्वविद्यालय का स्वर्ण जयंती समारोह

धूमधाम से मनाया गया गढ़वाल विश्वविद्यालय का स्वर्ण जयंती समारोह
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स्थापना में अहम भूमिका निभाने वाले पांच आंदोलनकारी सम्मानित

तीर्थ चेतना न्यूज

श्रीनगर। गढ़वाल विश्वविद्यालय का स्वर्ण जयंती समारोह धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर विश्वविद्यालय की स्थापना में अहम भूमिका निभाने वाले पांच आंदोलनकारियों को सम्मानित किया गया।

आज ही के दिन 1973 में गढ़वाल विश्वविद्यालय अस्तित्व मंे आया था। इस तरह से विश्वविद्यालय 50 साल का सफर पूरा कर चुका है। शुक्रवार को विश्वविद्यालय का स्वर्ण जयंती समारोह आयोजित किया गया। मुख्यमत्री पुष्कर सिंह धामी इसमें बतौर मुख्य अतिथि ऑनलाइन माध्यम से शामिल हुए।

विधायक विनोद कण्डारी और कुलपति प्रो अन्नपूर्णा नौटियाल ने दीपप्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत् उद्घाटन किया। चौरास परिसर के स्वामी मन्मंथन प्रेक्षागृह में भव्य समारोह का आयोजन हुआ जिसमें विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए हुए आन्दोलन में अह्म भूमिका निभाने वाले पाँच आन्दोलनकारियों को सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्व हेमवती नंदन बहुगुणा जी को श्रद्धांजलि देते हुए केन्द्रीय विश्वविद्यालय के रूप में गढ़वाल विश्वविद्यालय के कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा हिमालयी क्षेत्र के संसाधनों का उचित प्रयोग किया जा रहा है और आज यहां से उच्च शिक्षा ग्रहण कर छात्र-छात्राएं विश्वभर में नाम रोशन कर रहे हैं।

उन्होंने छात्र-छात्राओं के लिए संदेश दिया कि योग्यता, क्षमता, परिश्रम का कोई तोड़ नही हैं परिश्रम करके हर व्यक्ति सफल हो सकता है। मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय की चौरास सड़क, स्टेडियम मरम्मत तथा रेलवे द्वारा परिसर भरान की रॉयल्टी माफ करने का आश्वासन दिया ।

इस अवसर पर कुलपति प्रो अन्नपूर्णा नौटियाल ने माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए पचास वर्षों के स्वर्णिम इतिहास को याद किया।

विश्वविद्यालय की पचास वर्षों की प्रगति रिर्पाेट को प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि आज हम उन आन्दोलनकारियों और पूर्व छात्रों को सम्मानित कर रहे हैं जिनका विश्वविद्यालय के लिए अमूल्य योगदान है।

कुलपति नौटियाल ने बताया कि भारतीय हिमालय केन्द्रीय विश्वविद्यालय संघ (आईएचसीयूसी) को साथ लेकर भारतीय ज्ञान परम्परा और हिमालय सांस्कृतिक विरासतों का उच्च शिक्षा में शोध एवं प्रबन्धन की दिशा में उल्लेखनीय कार्य कर रहा है।

वहीं इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में विधायक देवप्रयाग विनोद कण्डारी ने स्वर्ण जयंती की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के पचास वर्ष के इतिहास में बहुत कुछ बदला जिसका श्रेय सबसे पहले इसकी स्थापना के लिए आन्दोलन करने वाले आन्दोलनकारियों को जाता है। उन्होंने अपने विद्यार्थी जीवन की स्मृतियों को याद करते हुए सभी गुरूजनों का धन्यवाद दिया और छात्र-छात्राओं को कहा कि सकारात्म्क रहें और जीवन में माता-पिता और गुरू का सम्मान करें तभी जीवन में प्रगति हो सकती है।

वहीं विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र रहे डॉ सुनील नौटियाल, निदेशक, जी.वी.पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान, अल्मोड़ा, ने भी इस अवसर पर विश्वविद्यालय के गोरवशाली इतिहास और अपनी पुरानी स्मृतियों को याद करते हुए छात्र-छात्राओं का मार्गदर्शन किया। उन्होंने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि हिमालय के पर्यावरण और पारिस्थतिकी पर शोध के क्षेत्र में अपार संभावनाएं है जिसमें सहभागिता के साथ सभी को काम करना होगा।

पांच आंदोलनकारी हुए सम्मानित
श्रीनगर। विश्वविद्यालय की स्वर्ण जयंती समारोह में ‘योगदान का सम्मान’ के अन्तर्गत कुंज बिहारी नेगी, कृष्णानन्द मैठाणी, वीरेन्द्र कुमार पैन्यूली, मंजूर अहमद बेग और जगदम्बा प्रसाद रतूड़ी को विश्वविद्यालय ने स्थाना आन्दोलन में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया।

उपलब्धियों का सम्मान’ शीर्षक के अन्तर्गत पूर्व छात्र-रियर एडमिरल ओम प्रकाश सिंह राणा (सेवानिवृत) पूर्व महानिदेशक नेवल आरमामेंट इन्स्पेक्शन एवं पूर्व जनरल मैनेजर ब्रह्मोस ऐरोस्पेस, डॉ राजेन्द्र डोभाल, कुलपति स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय एवं पूर्व महानिदेशक यूकोस्ट, डॉ सुनील नौटियाल, निदेशक, जी.वी.पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान, अल्मोड़ा, प्रो. वजीर सिंह लाकरा, पूर्व कुलपति एवं निदेशक आई.सी.ए.आर. केंद्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान, मुम्बई और डॉ रेखा उनियाल, संस्थापिका एवं प्रधानचार्य रेनबो पब्लिक स्कूल, श्रीनगर एवं चौरास को सम्मानित किया।

इस अवसर पर नार्थ ईस्ट हिल यूनिवर्सिटी, सिक्किम तथा मणिपुर केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति, गढ़वाल विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो आर सी भट्ट, कार्यक्रम सम्नवयक प्रो वाई पी रैवानी, कुलसचिव डॉ धीरेन्द्र कुमार शर्मा, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो एमएस नेगी, मुख्य नियन्ता प्रो बीपी नैथानी, तीनों कैंपस के निदेशक आदि कार्यक्रम में मौजूद रहे। इसके बाद इंडियन हिमालयन सेंट्रल यूनिवर्सिटीज कॉन्टोरियम की मीटिंग में सात विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू साइन किया गया। बैठक की अध्यक्षता विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर अन्नपूर्णा नौटियाल द्वारा की गई । इस बैठक में विश्वविद्यालय के सभी संकायाध्यक्ष, विभागध्याक्ष उपस्थित थे।

Tirth Chetna

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