डीएसबी में गोटीपुआ नृत्य की प्रस्तुति, छात्र/छात्राओं ने उठाया लुत्फ
तीर्थ चेतना न्यूज
ऋषिकेश। डीएबी इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल के छात्र/छात्राओं ने स्पीक मैके के बैनर तले गोटीपुआ नृत्य का लुत्फ उठाया। इस मौके पर नृत्य की उत्पत्ति से लेकर इसे महत्व को रखांकित किया गया।
स्कूल के ऑडिटोरियम में विजय साहू की टीम द्वारा मनमोहक गोटीपुआ नृत्य प्रस्तुत किया गया। गोटीपुआ (जिसका अर्थ है एक लड़का ) जो कि नृत्यकियों से प्रेेरित है।
गोटीपुआ भारतीय राज्य उड़ीसा के पुरी जिले की एक जीवंत परंपरा है जिसके तहत युवा लड़कों को बचपन से ही ओडसी नृत्य में प्रशिक्षित किया जाता है और वे परंपरागत महिला पोशाक पहनकर प्रदर्शन करते हैं।
गोटीपुआ का सबसे दिलचस्प हिस्सा बंध नृत्य है। जो कलाबाज आकृतियों और चालों वाला नृत्य है। विभिन्न अंगों की आपूर्ति के साथ शरीर की कठिन और जटिल मुद्राओं को बंध (उडिया भाषा में कलाबाजी) के रूप में जाना जाता है।
इन आकृतियों को प्रदर्शित करने में सक्षम होने के लिए लड़कों को पाँच या छह साल की कम उम्र से ही नृत्य सीखना शुरू कर देना चाहिए।
मुद्राएाँ अधिकतर कृष्ण के जीवन के पौराणिक दृश्यों का उल्लेख करती हैं। इसी नृत्य की सुंदर प्रस्तुति रुद्रमोहन मोहंता, दीपक मोहंता, सुकबदेब सी, आनंद िंकर महंत, कुणाल प्रधान, पबबत्रा साहू आहद कलाकारों द्वारा दी गयी।
प्रस्तुत कार्यक्रम के स्वर में महेश्वर , मर्दल में विजय कुमार साहू और वायलिन में निर्मल नायक एवं मंजीरा में दमयंती महंतो थे। कार्यक्रम के समापन पर सभी कलाकारों को स्कूल के प्रिंसिपल द्वारा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।