गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज त्यूणी और चिन्यालीसौड़ में सात दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न

गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज त्यूणी और चिन्यालीसौड़ में सात दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न
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तीर्थ चेतना न्यूज

त्यूणी/ चिन्यालीसौड़ं। गवर्नमें डिग्री कॉलेज, त्यूणी और चिन्यालीसौड़ में नंदी फाउंडेशन महिंद्रा प्राइड क्लासरूम के सहयोग से सात दिवसीय कौशल विकास कार्यक्रम की कार्यशाला संपन्न हो गई।

शनिवार को गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, त्यूणी में कॉलेज की प्रिंसिपल प्रो. अंजना श्रीवास्तव की अध्यक्षता में हुए समापन कार्यक्रम में सात दिवसीय प्रशिक्षण पर प्रकाश डाला गया। प्रो. श्रीेवास्तव ने कहा कि कौशल विकास वक्त की जरूरत है। कहा कि परंपरागत डिग्री के साथ कौशल विकास होना जरूरी है।

नंदी फाउंडेशन की और से आयी प्रशिक्षक कुमारी योगिता गौतम ने इस कार्यशाला मैं छात्र छात्रों को 40 घंटे का व्यापक प्रशिक्षण दिया गया. जिसमे छात्राओं को प्रथम दिन- बॉडी  लैंग्वेज, पर्सनल ग्रूमिंग, इंग्लिश स्पीकिंग, द्वितीय दिन-हेल्थ एंड हाइजीन, पब्लिक स्पीकिंग, तृतीय दिन- टाइम मैनेजमेंट, स्किल डेवेलपमेंट, जीवन के लक्ष्य, चतुर्थ दिन-मनी मैनेजमेंट, रिज्यूम मेकिंग,  इंटरव्यू के लिए प्रिपरेशन, ईमेल राइटिंग, पंचम दिन-ग्रुप डिस्कशन, ग्रुप प्रेजेंटेशन, और छठे दिन- आई ऍम यूनिक आदि विषयों पर विस्तार से प्रशिक्षण  दिया गया।

कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ अजय वर्मा ने स्वागत भाषण में छात्रों को सम्बोधित किया और पेशेवर उन्नति के लिए रोजगार कौशल विकाश के महत्व पर जोर दिया और नंदी फाउंडेशन के विभिन्न कार्यक्रम जैसे समापन के मौके पर छात्राओं को सम्मानित किया। अंजलि गोसाईं को सर्वश्रेष्ठ छात्रा के लिए प्रथम पुरुस्कार दिया गया। समापन समारोह में महाविद्यालय के डॉ. सतीश चंद्र, डॉ. मीनाक्षी कश्यप, डॉ आशीष बिजल्वाण, पूरण सिंह चौहान, डॉ. पवन रावत, डॉ. अवधेश यादव, सचिन शर्मा और शिक्षणेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहे।

चिन्यालीसौड़। गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, चिन्यालीसौड़ में छह दिवसीय कार्यशाला का समापन हो गया। छह दिवसीय कार्यशाला के अंतिम दिवस में छात्राओं को वीडियो द्वारा समूह चर्चा, ऑनलाइन वीडियो द्वारा कौशल विकास प्रबंधन सिखाया गया। साथ ही कार्यक्रम की समाप्ति पर कार्यशाला में प्रतिभाग करने वाली उत्कृष्ट छात्राओं को कॉलेज के प्राचार्य द्वारा पारितोषिक तथा प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।

समापन कार्यक्रम में छात्राओं ने अभिनय के माध्यम से कार्यशाला के छह दिनों में सीखे कौशल को प्रदर्शित किया जिसमें उन्होंने सोशल मीडिया का परिवार पर दुष्प्रभाव प्रभाव तथा व्यवस्थित जीवन शैली एवं इंटरव्यू फेस करने का प्रदर्शन किया गया।

कार्यक्रम की संयोजिका डॉ अराधना सिंह ने विगत छह दिनों में छात्राओं द्वारा सीखें विभिन्न विषयों पर प्रकाश डाला ।
नांदी महिंद्रा फाउंडेशन की प्रशिक्षिका रेनू शर्मा ने ने कहा कि कार्यशाला के बाद छात्राओं में हुए बदलाव को स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि दूरस्थ छात्राओं में प्रतिभाग है जिसे इस प्रकार के स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम के तहत जागरूक किया जा सकता है ताकि वे घर से बाहर निकल कर रोजगार पाकरअपने जीवन में निखार ला सकें।

कार्यक्रम की समाप्ति परकॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर प्रभात द्विवेदी ने कहा कि यह प्रोग्राम छात्राओं के लिए ही नहीं बल्कि छात्रों के लिए भी लाभकारी सिद्ध हो सकता है। उन्होंने कहा कि स्त्रियों का योगदान किसी भी समाज एवं देश के निर्माण में अति आवश्यक है।

समाज का एक बड़ा तबका स्त्रियों को पुरुषों के बराबर नहीं मानता है। आज भी लड़कियों के पहनावे पर ही उनकी हत्या कर दी जाती है। उन्होंने बताया कि इन तमाम बातों का यही आशय है कि शिक्षा ही स्त्रियों को समाज में बराबरी का स्थान
दिला सकती है। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार हम रूपयों के छोटे-छोटे सिक्के संभाल कर रखते हैं तो बड़े-बड़े नोट अपने आप सुरक्षित रह जाते हैं। ठीक उसी प्रकार छोटी-छोटी बातों से हम अपने व्यक्तित्व में बदलाव लाकर अपने
सपने को पूरा कर सकते हैं।

इस प्रकार जीवन में छोटे-छोटे निर्णय भी हमारे भविष्य को संवारने में अहम योगदान रख सकते हैं। इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन डॉ श्रीमती कृष्णा डबराल द्वारा किया गया तथा कार्यक्रम में डॉ विनीत कुमार, डॉ कुलदीप, डॉ आलोक, डॉ कपिल सेमवाल,डॉ दीपक धर्मशक्तु,डॉ मनोज बिष्ट, डॉ खुशपाल,डॉ अशोक कुमार अग्रवाल तथा महाविद्यालय की छात्रा कशक नौटियाल,पलक,रवीना,आशिका, कंचन, सोनाली, नैनसा आदि मौजूद रहे।

Tirth Chetna

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