लोकार्पण/शिलान्यासों पर जनता में नहीं दिख रहा उत्साह

पौड़ी। चुनाव से ठीक पहले विकास कार्यों के ताबड़तोड़ लोकार्पण और शिलान्यास को लेकर जनता में खास उत्साह नहीं दिख रहा है। उल्टे इसको लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
उत्तराखंड राज्य की चार निर्वाचित और एक अंतरिम सरकार का रिकॉर्ड देखें तो चुनावी से ठीक पहले ही विकास की प्रतिबद्धता दिखाने का प्रयास होते हैं। इसके लिए विकास योजनाओं के ताबड़तोड़ शिलान्यास होते हैं। ऐसा कर महौल बनाने का प्रयास होता है।
ऐसा ही इन दिनां राज्य भर में देखा जा रहा है। हर विधानसभा में करोड़ों से कम की बात नहीं हो रही है। इसे व्यापक स्तर पर प्रचारित-प्रसारित भी किया जा रहा है। ये बात अलग है कि आम लोग इसे संदेह की नजर से ही देख रहे हैं।
सवाल उठ रहे हैं कि क्या सरकारों को विकास कार्यों का शिलान्यास का समय चुनाव से ठीक पहले ही मिलता है। क्या चार साल विकास को चुनाव के इंतजार में रोके रखा जाता है। इस सवाल से समर्थक असहज नजर आ रहे हैं।
इससे पूर्व तीन निर्वाचित और एक अंतरिम सरकार में भी ऐसा ही दिखा। अब चौथी निर्वाचित सरकार में भी ऐसा ही माहौल। चुनाव से ठीक पहले होने वाले लोकार्पण और शिलान्यास को लेकर राज्य के लोगों ने कभी उत्साह नहीं दिखाया। न ही राजनीतिक तौर पर किसी को इसका लाभ ही मिल सका।
दरअसल, बेहद जागरूक लोग चुनावी साल में इस प्रकार के उपक्रमों की हकीकत जानते-जानते अब अनुभवी हो चुके हैं। यही वजह है कि विकास कार्यों के लोकार्पण का तो जनता के स्तर से मूल्यांकन हो रहा है कि मगर, शिलान्यासों पर सवाल खड़े हो रहे हैं।