विपक्ष की आवाज दबाने का काम कर रही मोदी सरकारः हरीश रावत
अडानी पर उठ रहे सवालों से बचने का कर रहे प्रयास
तीर्थ चेतना न्यूज
ऋषिकेश। कंेद्र की नरेंद्र मोदी सरकार बहुमत के गुरूर से विपक्ष के सवाल उठाने के अधिकारों का हनन कर रही है। ऐसा गौतम अडानी पर उठ रहे सवालों से बचने के लिए किया जा रहा है।
ये आरोप कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने लगाए। मंगलवार को मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि 2014 के बाद देश के लोकतंत्र को नई दिशा में हांकने के प्रयास हो रहे हैं। ये ऐसी दिशा है जिसमें विपक्ष की आवाज के लिए स्थान नहीं है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सवाल पूछती है कि आखिर आठ सालों में ऐसा क्या हुआ कि एक औसत दर्जे का कारोबारी दुनिया के पांच सबसे अधिक धन्नासेठों में से एक हो गया। उसकी तरक्की के राज आखिर सरकार क्यों सार्वजनिक नहीं करती। विपक्ष की इस मांग से सरकार बचने का प्रयास कर रही है।
देश के संसदीय इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि विपक्ष के बजाए सत्ता पक्ष संसद न चलने देने में अमादा हों। उन्होंने कहा कि अडानी मामले में जेपीसी का गठन होना चाहिए। ताकि पता चल सकें कि एलआईसी और एसबीआई के पैंसे का क्या हुआ।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ब्रिटेन में दिए बयान पर भाजपा हाईतौबा मचा रही है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जो देश में कहते रहे हैं वहीं सच विदेश में भी कहा। इससे भाजपा को क्यों नाराज होना चाहिए।
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि भराड़ीसैंण में कांग्रेस ने सड़क और सदन में सरकार से सवाल पूछे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री पर जनता के सवालों से डरने का आरोप लगाया। कहा कि आखिर कांग्रेसियों ने विधानसभा भवन से 25-25 किमी. दूर क्यों रोका गया। कहा इसके बावजूद कांग्रेसी सरकार को बेनकाब करने में सफल रहे।
उन्होंने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि वो युवाओं को पारदर्शी परीक्षा सिस्टम की मांग की अनदेखी कर रही है। आवाज उठाने वाले युवाओं पर मुकदमे लादे जा रहे हैं। राज्य में पलायन से गांव खाली हो रहे हैं। सरकार इस पर गौर करने को तैयार नहीं है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेस केंद्र और राज्य सरकार की नाकामियों से जनता को अवगत कराती रहेगी। सरकारों की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ हर स्तर पर आवाज उठाएगी।
इस मौके पर कांग्रेस के महानगर इकाई के अध्यक्ष एडवोकेट राकेश सिंह, राजपाल खरोला, जयेंद्र रमोला, विमला रावत, मदन मोहन शर्मा, कमला प्रसाद भटट, महंत विनय सारस्वत, अजय रमोला, मनीष शर्मा, अजय रमोला, देवेंद्र आदि मौजूद थे।