गवर्नमेंट पीजी कॉलेज उत्तरकाशी, पोखरी, खाड़ी, डाईवाला और रायपुर में मनाया गया गढ़ भोज दिवस

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कोदा झंगोरा खाएंगे उत्तराखंड को स्वस्थ बनाएंगे

तीर्थ चेतना न्यूज

उत्तरकाशी/ पोखरी/खाड़ी, डोईवाला/रायपुर। गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, उत्तरकाशी, गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज पोखरी, खाड़ी और गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, पोखरी में गढ़ भोज दिवस धूमधाम से मनाया गया।

गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, उत्तरकाशी में गढभोज दिवस का शुभारम्भ उत्तराखण्ड जन्मभूमि तेरी जयजयकार संगीत विभाग की प्रस्तुति के साथ हुआ। उत्तरकाशी में गढभोज को पहचान दिलाने वाले तथा मुख्यमन्त्री आवास से अपनी पहाड़ी भोजन बनाने की यात्रा शुरू करने वाले दीप सिंह पंवार ने कहा कि आज की पीढ़ी पहाड़ी भोजन, मोटे अनाज के महत्व को समझे।

उन्होंने अपने जीवन की यात्रा को पहाड़ी पकवानों के साथ जोड़ते हुए बतलाया कि छात्र छात्राएं पहाड़ी अनाजों तथा उत्पादों के द्वारा अपना स्टार्ट अप या व्यवसाय भी प्रारम्भ कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि वे स्वयं आज उत्तरकाशी में कण्डाली का साग, काफली, कोणी, कोदे के मांगों, कांदे के समोसे बना कर अपना व्यवसाय कर रहे हैं जिसकी ओर शहर की युवा पीढ़ी से लेकर बुजुर्ग तक प्रशंसा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि युवाओं के लिए पहाड़ी उत्पाद आर्थिकी आत्मनिर्भरता में सहयोगी होगा और रोजगार के अवसर भी खोलेगा। उन्होंने कहा कि ये मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे उत्तराखण्ड के भोजन और मोटे अनाज एक अलग पहचान दिला रहे हैं।

कार्यक्रम के अति विशिष्ट अतिथि गोपाल थपलियाल ने कहा कि गढभोज अभियान की सफलता का सफरनामा वर्ष 2000 से शुरू हुआ था, जो कि स्कूली शिक्षा से जुडा, मिड डे मील में शामिल हुआ। 1500 से अधिक शिक्षक एवं महिला मंगल दल, स्वयं सहायता समूह के सदस्य, होटल, ढाबों, रेस्टोरेंट, स्वैच्छिक संगठनों, विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों की गढभोज अभियान ने भागीदारी रही. श्री थपलियाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि हम सबको ये प्रतिज्ञा करनी होगी कि हम एक रुपया भी अस्पतालों में खर्च न करें और स्वास्थ्यवर्धक पहाड़ी भोजन खाएं उन्होंने बताया कि गढभोज का प्रारम्भ करने वाले श्री द्वारिका सेमवाल का एक अनूठा प्रयोग आज पूरे उत्तराखण्ड में अपना परचम लहरा रहा है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित प्रताप सिंह बिष्ट ने छात्र छात्राओं का आवाहन करते हुए कहा कि आज यह आवश्यक हो गया है कि हमारी पीढ़ी को ये बताया जाए कि उनके गांव के खेत खलिहानों में उत्पन्न होने वाला अनाज कितना पौष्टिक है। उन्होंने छात्र- छात्राओं से अपने खेत खलिहानों की ओर लोटने को कहा तथा उत्तराखण्ड के मोटे अनाजों के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. सविता गैरोला ने अपने उद्बोधन में छात्र छात्राओं को कोदे के महत्व के बारे में समझाया और बताया कि आज की पीढ़ी दोनों चाउमिन की ओर आकर्षित होने के कारण अपने स्वास्थ्य का नुकसान कर रही है। उन्होंने अतिथि वक्ताओं को धन्यवाद दिया जिनके द्वारा महाविद्यालय के छात्र छात्राओं को स्वास्थ्यवर्धक गढभोज की जानकारी दी गई।

कार्यक्रम की संयोजिका प्रो. मघु थपलियाल ने बताया कि गढ़वाल कुमाऊं और जौनसार के पारम्परिक भोजन को गढभोज का नाम द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने दिया। उन्होंने कहा कि आज उत्तराखण्ड के पारम्परिक भोजन को पूरे देश में गढभोज के नाम से पहचान तो मिली ही है इसके साथ ही ये सबकी थाली का हिस्सा व आर्थिकी का जरिया भी बना है और ये स्वस्थ समाज की कल्पना करता है, जिसके लिए उन्होंने हिमालय पर्यावरण जडीबूटी एग्रो संस्थान क द्वारिका प्रसाद सेमवाल के प्रयास को सराहा।

डॉ थपलियाल ने बताया कि आज पूरी दुनिया तथा अन्य राज्य भी उत्तराखण्ड के उत्पादों के महत्व को देखते हुए टकटकी लगाए बैठे हैं। धन्यवाद ज्ञापित करते हुए उन्होंने महाविद्यालय की प्राचार्य तथा अतिथि वक्ताओं कार्यक्रम की संचालिका डॉ शिक्षा सेमवाल तथा छात्र-छात्राओं का धन्यवाद ज्ञापित किया।

कार्यक्रम में बी एस सी तृतीय वर्ष की छात्रा आरती ने गढ़भोज पर एक सुन्दर गीत प्रस्तुत कर श्रोताओं का मन मोह लिया। गढ़भोज दिवस के अवसर पर महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो. डी. डी पैन्यूली, डॉ आराधना, डॉ जयलक्ष्मी डॉ रीना शाह, डॉ मधु, डॉ. प्रीति, डॉ लोकेश सेमवाल, डॉ सुभाष व्यास सहित महाविद्यालय के छात्र/छात्राएं उपस्थित रहे।

पोखरी। गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, पोखरी क्वीली, में प्रिंसिपल प्रो. शशिबाला वर्मा के निर्देशन में सांस्कृतिक समिति एवं एन.एस.एस. इकाई के संयुक्त तत्वावधान में गढ़ भोज दिवस 2023 का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में महाविद्यालय के छात्र छात्राओं द्वारा विभिन्न रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम ऑन की प्रस्तुति देते हुए कार्यक्रम की शुरुआत की गई।

छात्र-छात्राओं द्वारा गढ़वाल के पारंपरिक अनाज एवं उसका महत्व विषय पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया गया ।

 छात्र-छात्राओं द्वारा गढ़वाल के स्वादिष्ट पारंपरिक व्यंजन जैसे झंगोरा, झंगोर की खीर, कोदे की रोटी, लांगड़ी,बारहमासी छीमि, उड़द दाल पकौड़ी, सुंटा की पकौड़ी, पीसा लोन, भंगजीर, भांग, मारसा, जौ, तिल, लाल चावल, राजमा, चकोतरा की चटनी चकोतरे की चटनी, नारियल और तिल की चटनी आदि गढ़वाली व्यंजन तैयार किए गए।

साथ ही जड़ी बूटी उत्पादों की एक प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया जिनमे प्रमुख रूप से कंडाली, कड़ी पत्ता, दालचीनी, टेमरू,पहाड़ी लौकी, गोदड़ी, ककड़ी, भिंडी, बैंगन चिचिंडा, बर्मी कद्दू आदि सम्मिलित थे।

कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक एवं कर्मचारियों द्वारा भी गढ़वाली व्यंजनों की एक प्रदर्शनी स्वयं द्वारा तैयार किए गए उत्पादों से लगाई गई जिनमें कार्यालय की लिपिक श्रीमती रेखा नेगी एवं कुमारी अमिता पुनडोरा को पुरस्कार प्रदान किया गया।
प्रिंसिपल प्रो. वर्मा द्वारा उक्त कार्यक्रम की सराहना करते हुए समस्त छात्र-छात्राओं को गढ़वाल के पारंपरिक व्यंजनों को अपने दैनिक जीवन में सम्मिलित करने हेतु कहा गया एवं यह भी कहा गया कि वर्तमान में चल रहे ऐसे खाद्य पदार्थ जिनका सेवन शरीर के लिए नुकसानदेह है उनसे बचना चाहिए तथा हमें पहाड़ के उत्पादों को अधिक से अधिक अपने दैनिक जीवन में शामिल करना चाहिए। जिससे हम अपने स्वास्थ्य की रक्षा कर सकें।

एन.एस.एस. इकाई की प्रभारी श्रीमती सरिता सैनी द्वारा स्वयंसेवियों को पहाड़ी खाद्य पदार्थ की महत्ता एवं आवश्यकता के विषय पर विस्तार से जानकारी प्रदान की गई। सांस्कृतिक समिति की संयोजक डॉक्टर वंदना सेमवाल द्वारा छात्र-छात्राओं को पहाड़ी उत्पादों एवं जड़ी बूटियां के विषय में जानकारी प्रदान करते हुए बताया गया कि हमारे गढ़वाल में ऐसे खाद्य एवं औषधीय गुणों से परिपूर्ण जड़ी बूटियां उपलब्ध है, जिनका प्रयोग हम विभिन्न प्रकार के रोगों से मुक्ति पाने के लिए तथा अपने स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए कर सकते हैं, जिनकी हम सभी को जानकारी होनी चाहिए।

कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय के सांस्कृतिक समिति के सदस्य डा. विवेकानंद भट्ट द्वारा किया गया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. सुमिता पंवार, डॉ मुकेश प्रसाद सेमवाल, श्रीमती रचना राणा, श्रीमती रेखा नेगी, अंकित सैनी, कुमारी अमिता, दीवान सिंह, नरेंद्र बिजलवान, नरेश रावत, श्रीमती सुनीता, मूर्तिलाल आदि उपस्थित रहे।

खाड़ी। राजकीय महाविद्यालय खाड़ी टिहरी गढ़वाल में आज गढ़ भोज दिवस का आयोजन किया गया ।

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अथिति के रूप में उत्तराखंड जन जागृति मंच खाड़ी के  अरनरंजन पंवार जी को आमंत्रित किया गया। उन्होंने विद्यार्थियों को उत्तराखंड के स्थानीय व्यंजनों तथा उत्पादों से विद्यार्थियों को अवगत कराया तथा उनको बनाने की विधि भी बताई गढ़वाली व्यंजन में कंडाली की काफिली, झंगोरे की खीर , इंदिरा, फुलड़ी पर भात पकाना, गेहत की दाल, पिंडालू, पतोर, चौंसा भात, फांडू भात , मंडुबे के समोसे, तथा अन्य लोकल फसलों की भी जानकारी प्रदान की।

 कार्यक्रम की संयोजक श्रीमती मीना असिस्टेंट प्रोफेसर हिंदी ने भी गढ़वाली खाने तथा उससे मिलने वाले प्रोटीन, तथा ऊर्जा से विद्यार्थियों को अवगत कराया । कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य प्रो० अरूण कुमार सिंह जी ने की उन्होंने भी लोकल फोर वोकल पर अपने विचार प्रस्तुत किए तथा सभी को स्थानीय व्यंजनों और उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया ।

महाविद्यालय में विद्यार्थियों के लिए स्वच्छ पानी तथा बेहतर स्वास्थ्य के लिए आर ओ केंट तथा आंगनबाड़ी केन्द्र खाड़ी द्वारा सैनेट्री पैड मशीन भी लगवाई गई गई। कार्यक्रम में महाविद्यालय के श्री देशराज सिंह, डॉ० आरती , डॉ० अनुराधा , प्रधान सहायक श्री राजेंद्र सिंह बिष्ट कनिष्ठ लिपिक कु० मनीषा, आशीष, पंकज, हितेश , तथा छात्र छात्राओं में मीनाक्षी, उर्मिला , सिमरन, राखी, रेशमा आदि उपस्थित रहे।

डोईवाला। गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, डोईवाला में एनएसएस के द्वारा गढ़ भोज दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में प्रभारी प्रचार्य डॉ. संतोष वर्मा, डॉ. एन डी शुक्ला, डॉ. राकेश कुमार जोशी, डॉ. पल्लवी मिश्रा के द्वारा गढ़वाल कुमाऊं के पारंपरिक भोजन, उनका महत्व तथा गढ़ भोज दिवस के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. नूर हसन द्वारा गढ़ भोज दिवस पर पीपीटी के माध्यम से जानकारी दी गई तथा एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. किरण जोशी द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया। कार्यक्रम में गढ़ भोज विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें प्रथम स्थान पर अखिल बीएससी 1सेम, द्वितीय स्थान पर अमीषा बीएससी 1सेम, तथा तृतीया स्थान पर प्रियंका पाल बीए 1सेम रहे। डॉ. पल्लवी मिश्रा, डॉ. संगीता रावत, डॉ. शशिबाला उनियाल भाषण प्रतियोगिता में निर्णायक रहे। आज के कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. राखी पंचोला, डॉ. एनके नैथानी, डॉ. अफरोज इकबाल, डॉ. पंकज पांडे, डॉ. प्रीतपाल, डॉ. अंजलि वर्मा, डॉ. पूनम रावत तथा डॉ. अनिल कुमार उपस्थित रहे।

कॉलेज कें गृहविज्ञान विभाग की और से गढ़ भोज का आयोजन किया गया। जिसमें विभाग प्रभारी डॉ प्रभा बिस्ट और डॉ शशि बाला उनियाल के संयोजन से उत्तराखंडी पकवान परोसे गए। जिसमें दाल के पकौड़े, झँगोरे की खीर, उत्तरकाशी की यमुना वैली का लाल चावल का भात, खोलिया की सब्ज़ी, गहत का फांडू, तिल की चटनी, धनिया की चटनी, स्वाले परोसे गए। प्रभारी प्राचार्य डॉ संतोष वर्मा और डॉ एन डी शुक्ला ने विभाग और छात्राओं को बधाई दी। कार्यक्रम में डॉ राखी पंचोला, डॉ पंकज पांडेय, डॉ नूर हसन, डॉ अफ़रोज़ इक़बाल, डॉ पूनम पाण्डे, डॉ अंजलि वर्मा, डॉ प्रमोद पंत , श्री मनोज ने व्यंजनों का जयका लिया। छात्राओं को इन व्यंजनों की पौष्टिकता के विषय में विभाग में बताया गया।कार्यक्रम श्री राम लाल ने सहयोग दिया।
कार्यक्रम में सिमरन, आरती राणा ,स्नेहलता गुंजन , कविता ने भागीदारी की। 

रायपुर। गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, माल देवता रायपुर में गढ़भोज दिवस हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया ।इस अवसर पर महाविद्यालय में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया ।

कार्यक्रम का प्रारंभ प्रभारी प्राचार्य प्रो. दक्षा जोशी की अध्यक्षता में किया गया ।कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर अनीता चौहान ने किया तथा छात्र छात्राओं को उत्तराखंड के स्थानीय भोज्य पदार्थों के महत्व तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी पहचान के विषय में विस्तार से बताया ।इस अवसर पर निर्णायक मंडल की भूमिका का निर्वहन प्रो. पूजा कुकरेती ,डॉ सरिता तिवारी, डॉ आशुतोष मिश्र, सुश्री रीना द्वारा किया गया ।

इस अवसर पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता जिसका शीर्षक था ,”उत्तराखंड के स्थानीय अनाजों की स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से उपयोगिता “मे महाविद्यालय की छात्रा शशि ने प्रथम स्थान, शशांक सिंह एवं राहुल शर्मा ने संयुक्त रूप में द्वितीय स्थान तथा वरुण बहुगुणा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया । इस अवसर पर “उत्तराखंड के स्थानीय अनाजों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रासंगिकता “विषय में निबंध प्रतियोगिता भी आयोजित की गई ,जिसमें दीपिका ने प्रथम व अर्चिता अमोली व अमन तिवारी ने द्वितीय स्थान शशि एवं अनन्या ने तृतीय स्थान प्राप्त किया ।

प्रिया अजवायन एवं रूपल रावत सांत्वना का पुरस्कार हेतु चयनित हुई ।महाविद्यालय की प्रभारी प्राचार्य प्रो. दक्षा जोशी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि उत्तराखंड के स्थानीय भोज्य पदार्थ औषधीय गुणों से भरपूर हैं जिन्हें आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिल चुकी है परंतु दुर्भाग्य की बात है कि हमारा युवा अपने इन परम्परागत स्थानीय भोज्य पदार्थों को छोड़कर जंक फ़ूड की तरफ़ भाग रहा है ,जो स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से हानिकारक है ।

उन्होंने छात्र छात्राओं को अधिक से अधिक औषधीय गुणों से भरपूर स्थानीय भोज्य पदार्थ को ग्रहण करने के लिए मार्गदर्शित किया साथ ही विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजयी छात्र छात्राओं को शुभकामनाएँ प्रेषित की ।कार्यक्रम में प्रो .अरुण अग्रवाल ,डॉ नरेश चौहान ,डॉ रश्मि नौटियाल , सुश्री मनीषा सांगवान आदि उपस्थित रहे । उत्तराखंड गढ़ दिवस कार्यक्रम में छात्र छात्राओं ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया तथा लगभग 57 छात्र छात्राओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई ।कार्यक्रम का समापन श्रीमती पूजा रानी द्वारा समस्त उपस्थित प्राध्यापकों एवं छात्र छात्राओं को धन्यवाद ज्ञापित कर किया ।

 

Tirth Chetna

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