चारधाम यात्राः अतिक्रमण पर गौर करने से बच रहा सिस्टम
श्रीनगर। चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर शासन/प्रशासन के स्तर से बड़े-बड़े दावे हो रहे हैं। मगर, यात्रा के मुख्य पड़ावों पर हुए अतिक्रमण पर गौर करने से हर कोई बच रहा है। परिणाम यात्रा मार्ग अतिक्रमण से अटे पड़े हैं।
सरकार चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं को लेकर लाख दावे कर ले। सच ये है कि यात्रा में लोगों को सबसे अधिक परेशान हाइवे पर पसरे अतिक्रमण से होती है। यात्रियों का हरिद्वार से चार धामो तक का सफर जाम की वजह से रूक रूककर पूरा होता है।
इससे यात्रियों का शिडयूल प्रभावित होता है। इसमें एक-दो दिन का अंतर आ जाता है। साथ ही मारे जाम के यात्री यात्रा का आनंद भी नहीं उठा पाते। यात्रा मार्ग के प्राकृतिक नजारों का दीदार ढंग से नहीं कर पाते। कुल मिलाकर शांति की अभिलाषा भागम भाग की होकर रह जाती है।
अधिकांश यात्रा पड़ावों पर पार्किंग की प्रॉपर व्यवस्था न होने से मुश्किलें और बढ़ जाती हैं। ये सब बातें शासन और प्रशासन के ध्यान में होने के बावजूद यात्रा तैयारियों की बैठक में इस पर आलाधिकारी खास चर्चा करने से भी बच निकलते हैं।
राज्य में अतिक्रमण को लेकर शासन-प्रशासन के ऐसे ही रवैए का परिणाम है कि चारधाम यात्रा मार्ग के मुख्य पड़ाव अतिक्रमण से अटे पड़े हैं। इससे यात्रियों को होने वाली परेशानी राज्य के तीर्थाटन और पर्यटन के लिए शुभ नहीं है।