उत्तराखंड बोर्ड को वापस हों अटल उत्कृष्ट स्कूल
तीर्थ चेतना न्यूज
देहरादून। सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध किए गए करीब 189 स्कूलों को फिर से उत्तराखंड बोर्ड मंे शामिल करने की मांग जोर पकड़ने लगी है। इसके तमाम डिमेरिट के साथ राजकीय शिक्षक संघ सामने आया है।
उल्लेखनीय है कि स्कूली शिक्षा में बड़े बदलाव के साथ भाजपा सरकार ने 189 स्कूलों को उत्तराखंड बोर्ड से संबद्ध कर दिया था। तब इस पर उठे सवालों को सरकार और अधिकारियों ने बड़े-बड़े दावे के साथ दबा दिया था। अब इसके मेरिट/डिमेरिट पर चर्चा होने लगी है।
ये बात सामने आ रही है कि शिक्षा की बेहतरी मंें बोर्ड का खास रोल नहीं होता। बोर्ड परीक्षा और पाठयक्रम नियामक संस्था भर है। वास्तव में शिक्षा और छात्रों की बेहतरी स्कूल, शिक्षक, प्रिंसिपल और व्यवस्था पर निर्भर करती है। उत्तराखंड बोर्ड में बेहतर परफारमेंस करते वाले अधिकांश अटल उत्कृष्ट स्कूल दोहरी व्यवस्था से दो चार हुए। परिणाम सबके सामने है।
राजकीय शिक्षक संघ की पहली बैठक मंें अटल उत्कृष्ट स्कूलों का मामला प्रमुखता से उठा। संघ की कार्यकारिणी ने आम शिक्षकों की भावना को आगे रखा और मांग की कि अटल उत्कृष्ट स्कूलों को फिर से उत्तराखंड बोर्ड को वापस करने की जोरदार वकालत की।
राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने कहा कि राज्य के संसाधनों के लिहाज से बेहद अच्छे स्कूल सीबीएसई बोर्ड से संबंद्ध कर दिए गए हैं। राज्य में स्कूलों की दोहरी व्यवस्था बन गई है। इसको लेकर तमाम कंप्लेकेसी सामने आ रही हैं। ऐसे में जरूरी है कि उक्त स्कूलों को उत्तराखंड बोर्ड को वापस किया जाए।
चौहान ने कहा कि राजकीय शिक्षक संघ इस मांग को सक्षम स्तर पर मजबूती के साथ रखेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसा करना शिक्षा और छात्रों की बेहतरी के लिए जरूरी है।