प्रिंसिपल प्रो. पुष्पा नेगी के नेतृत्व में संवरता गवर्नमेंट पीजी कॉलेज अगस्त्यमुनि
एक प्रिंसिपल ऐसा भी
उत्तराखंड देश के उन चुनिंदा राज्यों में शामिल है जहां 80 प्रतिशत से अधिक गवर्नमेंट डिग्री/पीजी कॉलेजों में प्रिंसिपल तैनात हैं। वहीं उन राज्यों में भी शामिल है जहां स्कूली शिक्षा में 80 प्रतिशत स्कूल बगैर प्रिंसिपल के हैं। स्कूल/कॉलेजों में कुछ प्रिंसिपल ने बेहतर काम, कुशल नेतृत्व से कॉलेज की तस्वीर बदल दी। ऐसे कॉलेजों और लीड कर रहे प्रिंसिपलों को हिन्दी न्यूज पोर्टल www.tirthchetna.com का सलाम।
आज से हम ऐसे स्कूल/ कॉलेजों के प्रिंसिपल पर एक प्रिंसिपल ऐसा भी नाम से साप्ताहिक कॉलम प्रकाशित कर रहे हैं। ये कॉलेज हिन्दी न्यूज पोर्टल www.tirthchetna.com के साथ ही रविवार को प्रकाशित होने वाले हिन्दी सप्ताहिक तीर्थ चेतना में भी प्रकाशित किया जाएगा।
अगस्त्यमुनि। बाबा केदार की भूमि और मंदाकिनी के तट पर स्थित गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, अगस्त्यमुनि, प्रिंसिपल प्रो. पुष्पा नेगी के नेतृत्व में उच्च शिक्षा के पायदान पर संवर रहा है। जरूरी संसाधनों से युक्त इस कॉलेज ने अब बेहतर परिणाम के लिए कमर कस ली है।
वर्ष 1974 में डिग्री के रूप में स्थापित अगस्त्यमुनि कॉलेज अब पीजी कॉलेज के रूप में क्षेत्र में उच्च शिक्षा का उजियारा फैला रहा है। वक्त के साथ-साथ अब गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, अगस्त्यमुनि जरूरी संसाधनों से युक्त हो चुका है। यहां चार संकाय कला, विज्ञान, वाणिज्य और शिक्षा संचालित हो रहे हैं।
ढाई हजार से अधिक छात्र/छात्राएं यहां संस्थागत छात्र के रूप में उच्च शिक्षा ले रहे हैं। करीब 80 शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मी प्रिंसिपल प्रो. पुष्पा नेगी के नेतृत्व में कॉलेज की बेहतरी में शत प्रतिशत योगदान दे रहे हैं। इग्नू एवं उत्तराखण्ड मुक्त विश्विद्यालय का स्टडी सेंटर डिस्टेंस लर्निंग मोड में क्षेत्र के लोगों को लाभान्वित कर रहे हैं।
प्रो. पुष्पा नेगी ने ऐसे समय में कॉलेज में प्रिंसिपल पद संभाला जब कोविड ने स्कूल/कॉलेजों की पढ़ाई को एक तरह से ठप कर दिया था। भौतिक शास्त्र की प्राध्यापिका रही प्रो. नेगी का विषयगत अनुभव ऐसे समय में काम आया। उन्होंने प्राध्यापकां की हौसलाफजाई कर ऑनलाइन अध्यापन पर फोकस कराया। इसका व्यापक असर देखने को मिला।
गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, अगस्त्यमुनि के छात्रों की पढ़ाई प्रभावित नहीं हुई। जैसा भी संभव हुआ प्राध्यापकों ने छात्र/छात्राओं तक पहुंचने का प्रयास किया। इसमें गुणवत्ता के साथ ही अनुशासन पर प्रिंसिपल प्रो. नेगी की हमेशा नजर रही।
छात्र/छात्राओं से संवाद की पक्षधर रही प्रो. नेगी के नेतृत्व में कॉलेज में स्वस्थ वातावरण तैयार हो चका है। इस बात को क्षेत्र के लोग भी स्वीकारते हैं। किताबी पढ़ाई ही नहीं छात्र-छात्राओं के व्यक्तित्व विकास पर भी कॉलेज में फोकस किया जा रहा है। प्रिंसिपल कला, संस्कृति, विज्ञान, इतिहास संबंधित ज्ञान छात्र/छात्राओं के साथ कई मौकों पर साझा करती है।
कॉलेज परिसर में छात्र अनुशासन देखते ही बनता है। इसके पीछे प्रिंसिपल प्रो. नेगी का विजन है। अब बिना परिचय पत्र एवं गणवेश के कॉलेज परिसर में प्रवेश संभव नहीं। आउट साइडर की परिसर में इंट्री बिलकुल बंद।
क्षेत्र के विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षाओं में बढ़-चढ़कर भाग लें इसके लिए पाठ्यक्रम शिक्षण के साथ-साथ प्रिंसिपल नेगी के प्रयासों कॉलेज में ‘एस.सी./एस. टी. उपयोजना’ एवं जिलाधिकारी के सहयोग से चलने वाली ‘ज्ञान गंगा’ योजना के तहत अनेक विद्यार्थी सिविल सर्विसेज, नेट/जेआरएफ, समूह ‘ग’ इत्यादि महत्वपूर्ण प्रतियोगी परीक्षाओं की निशुल्क कोचिंग- क्लासेज से लाभान्वित हो रहे हैं।
छात्राओं को आगे बढ़ने के लिए कॉलेज में प्रो. नेगी के नेतृत्व में प्राध्यापक भी प्रोत्साहित करते हैं। इसका असर भी दिखने लगा है। छात्राएं आगे बढ़ रही हैं। उनमें आत्मविश्वास देखते ही बनता है। छात्र/छात्राएं ही नहीं कॉलेज के प्राध्यापकों को भी प्रिंसिपल बेहतरी के लिए खूब प्रोत्साहित करती है।
इसी का परिणाम है कि विभिन्न विषयों पर राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों एवं कार्यशालाओं का ऑनलाइन/ऑफलाइन आयोजन कॉलेज में होते रहते हैं। इसमें देश-विदेश के विषय-विशेषज्ञ अपने व्याख्यान के माध्यम से कॉलेज के छात्र/छात्राएं लाभान्वित होते हैं। इसके अतिरिक्त उनकी सक्रियता से एन.एस.एस., नमामि गंगे, रोवर्स रेंजर्स इत्यादि के माध्यम से से छात्र/छात्राओं के सर्वांगीण विकास के धरातलीय प्रयास हो रहे हैं।
कॉलेज में एडमिशन पूरी तरह से ऑनलाइन करवाना, महाविद्यालय में ई-ग्रंथालय, ई-पुस्तकालय स्मार्ट- क्लासेज का गठन करना, पुस्तकालयों का ऑटोमेशन करना, एडूसेट कक्षाओं का सुचारू संचालन करना महत्वपूर्ण कार्य हैं।
रूसा सहित विभिन्न मदों से आवश्यकतानुसार भौतिक संसाधन – फर्नीचर, कंप्यूटर, क्रीड़ा-सामग्री इत्यादि की भी उचित व्यवस्था की जा रही है। कोविड महामारी एवं पूर्ण बन्दी के दौर में प्रिंसिपल प्रो. नेगी साइलेंट समाज सेवी के रूप में भी दिखी।
रामकृष्ण मिशन के सहयोग से कोविड केयर सेंटर खुलवाया गया। प्राचार्य एवं जिलाधिकारी के उचित दिशा-निर्देशन में क्षेत्र के अनेक कोविड रोगी स्वस्थ होकर अपने घरों को लौटे। प्रिंसिपल के प्रयास से महिला एवं पुरुष छात्रावास विधिवत संचालित होने की ओर अग्रसर हैं।
कॉलेज में नवाचार के लिए भी प्राध्यापकों एवं छात्र/छात्राओं को प्रिंसिपल प्रो. नेगी सदैव प्रेरित करती हैं। स्थानीय संसाधनों का अनुसंधान कर नव निर्माण एवं स्वरोजगार के गुर सिखाने हेतु उन्होंने महाविद्यालय में नवाचार समिति का गठन किया है, जिसके लिए एक विस्तृत कार्ययोजना बनाई जा रही है।
कहा जा सकता है कि प्रिंसिपल प्रो. पुष्पा नेगी के नेतृत्व में गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, अगस्त्यमुनि संवर रहा है।