सरकार! पेंशन के 1764 रूपये आप ही रख लो

60 हजार वेतन पर सेवानिवृत्त हुए कर्मचारी ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
तीर्थ चेतना न्यूज
ऋषिकेश। 2004 के बाद सरकारी सेवा में आए शिक्षक/कर्मचारियों पर लागू एनपीएस की भयावह तस्वीर सामने आने लगी है। 60 हजार वेतन पर सेवानिवृत्त हुए कर्मचारी को मात्र 1764 रूपये मासिक पेंशन मिल रहे हैं। कर्मचारियों ने उक्त धनराशि लौटाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखा है।
सत्ताधीश एनपीएस की तारीफ करते हैं। डंके की चोट पर कहते हैं कि पुरानी पेंशन बहाल करना संभव नहीं है। जिन राज्यों ने पुरानी पेंशन बहाल की उन्हें अर्थ जगत के जानकारी नसीहत दे रहे हैं। बहरहाल, उत्तराखंड एनपीएस से अच्छादित राज्य है।
एनपीएस से अच्छादित ग्राम्य विकास अभिकरण, अल्मोड़ा से 2021 में सेवानिवृत्त, हुए नंदन सिंह बिष्ट ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। उनका कहना है कि 11 जुलाई 2022 से उन्हें 1764 रूपये पेंशन मिलने लगी है। करीब 28 साल राज्य की सेवा करने वाले बिष्ट इस राशि से स्वयं को अपमानित महसूस कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि वृद्धा, विकलांग, विधवा पेंशन 3000 प्रतिमाह दी जा रही है । ये राशि एनपीएस से अच्छादित कर्मचारियों से अधिक है। पत्र में उन्होंने इस बात का जिक्र किया है कि वो सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी हैं और अपने 87 वर्षीय सेवा से सेवानिवृत्त पिता की पेंशन पर आश्रित हो गए हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री से उक्त पेंशन राशि को राजकोष में जमा कराने हेतु अनुमति देने की मांग की है। साथ ही उन्होंने इसको लेकर सुझाव भी सरकार को दिया है। हिन्दी न्यूज पोर्टल से बातचीत में नंदन सिंह बिष्ट ने कहा कि एनपीएस स्कीम सरकारी कर्मचारियों पर थोपा गया अन्याय है। इसकी एडवोकेसी वो लोग कर रहे हैं जो स्वयं पेंशन ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये मजाक नहीं तो और क्या है कि एनपीएस के तहत मिलने वाली पेंशन जितनी रिटायरमेंट के बाद मिलना शुरू होगी वहीं राशि जीवन भर मिलेगी। इसमें कोई बढ़ोत्तरी नहीं होगी।