सांसद डा.रमेश पोखरियाल निशंक का विरोध वास्तविक या प्रायोजित ?
तीर्थ चेतना न्यूज
हरिद्वार। क्षेत्र में सक्रियता के मामले में सबसे आगे चल रहे सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक का एक विधानसभा क्षेत्र में विरोध की बात सामने आने से राजनीतिक गरमा गई है। सवाल उठ रहा है कि विरोध वास्तविक है या प्रायोजित। या फिर भाजपा की आंतरिक राजनीति विपक्ष/निर्दलीय के अंगने में अंगड़ाई ले रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक लागातार दो बार से हरिद्वार संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री रहते हुए भी वो संसदीय क्षेत्र में एक सांसद के तौर पर सक्रिय रहे। कम से कम हरिद्वार जिले में उनकी सक्रियता हमेशा बनी रही।
बीच-बीच में राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों द्वारा उन पर सक्रियता को लेकर आरोप लगाए जाते रहे हैं। पिछले एक साल पर गौर करें तो डा. रमेश पोखरियाल निशंक हरिद्वार जिले में खासे सक्रिय रहे। वो पार्टी कार्यक्रम से लेकर शासकीय कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों के बीच रहे।
सामाजिक कार्यक्रमों में भी सांसद निशंक ने सुदूर क्षेत्रों में भी उपस्थिति दर्ज कराई। अब अचानक खानपुर विधानसभा क्षेत्र में उनके विरोध की बात सामने आ रही है। मामला जल भराव से प्रभावित क्षेत्र के दौरे का बताया जा रहा है।
सोशल मीडिया में वायरल हो रहे विरोध को लेकर तमाम बातें सामने आ रही हैं। इसको लेकर जितने मुंह उतनी बातें हो रही हैं। अब सवाल उठ रहा है कि वायरल हो रहा विरोध वास्तविक है या प्रायोजित है।
ऐसे सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि डा. निशंक केंद्र और राज्य में सत्ताधारी भाजपा के सांसद हैं। जलभराव या किसी समस्या का निदान वो बेहतर तरीके से कर सकते हैं। ऐसे में आपदा के वक्त उनके विरोध का क्या मतलब हो सकता है।
यही वजह है कि भाजपाई सांसद डा. निशंक के विरोध का प्रायोजित बता रहे हैं। इसके अलावा हरिद्वार में भाजपा की आंतरिक राजनीति भी इन दिनो कई तरह से करवट बदल रही है। कई मौकों पर भाजपा के दिग्गज नेताओं को आमने-सामने होते देखा गया है।
ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि लोकसभा चुनाव के मददेनजर आंतरिक राजनीति विपक्ष/निर्दलीय के अंगने से अंगड़ाई ले रही हो। बातें बहुत कुछ हो रही हैं। फिलहाल तो वायरल विरोध से राजनीति गरमाई हुई है।