लैंसडौनः कांटे पर झूलता हरक का सियासी भविष्य, कहीं पोस्टल बैलेट न बन जाएं निर्णायक

अजय रावज अजेय।
पौड़ीं।लैंसडौन के मैदान-ए-जंग में भले हरक सीधे तौर पर पर शामिल न हों, लेकिन कालों के डांडा के इस युद्ध का फैसला तय करेगा कि लंबे समय तक उत्तराखंड की सियासत में शान से खड़े इस भीमकाय दरख़्त पर इस बसंत में नई कोंपलें अंकुरित होंगी या यह दरख़्त सियासी तौर पर जमींदोंज़ हो जाएगा।
14 फरबरी को हुए मतदान में इस विस् में साढ़े 83 हज़ार मतदाताओं में से करीब 39 हज़ार ने अपने मत का प्रयोग किया है। क्षेत्र वार यदि चर्चाओं पर आधारित कयासों पर कुछ देर के लिए यकीन किया जाए तो नैनीडांडा व रिखणीखाल ब्लॉक में अनुकृति को 20 बताया जा रहा है लेकिन लैंसडौन के साथ जयहरीखाल में महंत 20 नज़र आ रहे हैं।
वहीं बीरोंखाल ब्लॉक के अधीन आने वाले इस विधान सभा के 13 पोलिंग बूथ पर भी अनुकृति के समर्थकों के चेहरे पर अपेक्षाकृत अधिक रंगत है, हालांकि इन 13 बूथों पर महज़ दो-तीन हज़ार के करीब मतदान हुआ है, ऐसे में यहां यदि अनुकृति की बढ़त होगी भी तो दो-ढाई सौ के आस-पास रहने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
वहीं, लैंसडौन नगर व जयहरीखाल ब्लॉक में भाजपाई उत्साहित नज़र आ रहे हैं, लब्बोलुआब यह कि ईवीएम का मुकाबला 50-50 के आसपास सिमटता अथवा किसी एक को मामूली बढ़त देते हुए नज़र आ रहा है। हालांकि यह सब चर्चाओं पर आधारित विश्लेषण है।
वहीं विधानसभा सीट पर 3940 पोस्टल बैलेट भी हैं, 2017 के आंकड़ों पर नज़र डालें तो यहां 1438 डाक मतपत्र प्राप्त किये गए थे, जिनमे से 1136 बीजेपी के खाते में चढ़े थे,यानी करीब 80 फीसद। जितनी अधिक संख्या में डाक मतपत्र प्राप्त होते जाएंगे उतनी महंत की तीसरी बार कालों के डांडा की गद्दी पर विराजमान होने संभावनाएं बढ़ती रहेंगी।
वहीं अनुकृति की जीत तभी सम्भव होगी जब वह ईवीएम के जरिये कम से कम डेढ़ हजार की बढ़त बना सकें, ईवीएम में बराबरी का खेल अनुकृति से ज्यादा स्तब्द्ध करने वाला हरक सिंह रावत के लिए होगा। लैंसडौन का रण इस मर्तबा एक बड़े सियासी दरख़्त के भविष्य का का फैसला करने के अहम मोड़ पर खड़ा है।
लेखक वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक समीक्षक हैं।