प्रत्याशियों को लेकर भाजपा और कांग्रेस का होमवर्क पूरा
देहरादून। 70 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों के चयन पर भाजपा और कांग्रेस का राज्य स्तर का होमवर्क पूरा कर लिया गया है। अब दिल्ली में प्रत्याशियों के नाम पर मुहर लगनी है। साथ ही कुछ खास सीटों पर हाईकमान का वीटो होना है। इसके अलावा दोनों दल प्रत्याशियों के नामों के ऐलान में एक-दूसरे पर नजर बनाए हुए हैं।
शुक्रवार को देहरादून में हुई भाजापा कोर ग्रुप की बैठक में पर्ववेक्षकों द्वारा सौंपे गए पैनल को शॉर्ट लिस्ट किया गया। बताया जा रहा है कि बैठक में 48 सीटों पर किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हुई और नाम तय कर मुहर के लिए संसदीय बोर्ड के सम्मुख रखे जाएंगे।
22 सीटों पर कोर ग्रुप की बैठक में चर्चा हुई मगर, दो-तीन मजबूत दावेदारों के साथ ही कुछ अन्य वजहों से इस मामले को भी हाईकमान के लिए छोड़ दिया गया। इसमें करीब डेढ़ दर्जन सिटिंग विधायक भी शामिल हैं। साथ ही तीन नेताओं की सीट बदलने का मामला भी शामिल है। कुछ सीटों ने भाजपा के राज्य संगठन का टेंशन बढ़ा दिया है।
दिग्गज नेता डा. हरक सिंह रावत को लेकर टेंशन कुछ ज्यादा ही दिख रहा है। कुल मिलाकर 22 सीटों पर हाईकमान का वीटो ही काम करेगा। इस बीच, भाजपा में टिकट कटने की स्थिति में बगावत के स्वर अभी से उभरने लगे हैं। दिल्ली दौड़, देहरादून में बैठक और बयान भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं।
इसके बहाने पार्टी की तमाम बातें बाहर निकल रही हैं। यही वजह है कि प्रत्याशियों के नाम के ऐलान के भाजपा संभल-संभलकर कदम बढ़ा रही है।
कांग्रेस ने भी 70 में से अधिकांश सीटों पर प्रत्याशियों के नाम पर मुहर लगा दी है। दिल्ली में कई दौर की बैठक के बाद अब दो दर्जन सीटों पर प्रत्याशियों के नाम तय होना शेष है। कुछ सीटों पर अभी तक पार्टी ने खास रणनीति के तहत पत्ते नहीं खोले हैं।
संभव है कि आज कल में कांग्रेस 40-50 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दे। शेष 20-30 सीटों पर वेट एंड वाच की स्थिति रखी जाएगी। इस बीच टिकट कटने की आशंका के चलते पार्टी के कई दिग्गजों बगावती स्वर सामने आने लगे हैं।
कुल मिलाकर भाजपा और कांग्रेस में टिकटों को लेकर इस बार खास तरह का घमासान है। पार्टी के स्तर पर इसे मैनेज करने के प्रयास का खास असर देखने को नहीं मिल रहा है।