ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय सीमांत जनपद उत्तरकाशी के छात्र/छात्राओं के बीच
उद्यमिता स्टार्ट-अप एवं इनोवेशन का किया आगाज
तीर्थ चेतना न्यूज
उत्तरकाशी। ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय अभिनव प्रयोग के साथ सीमांत जनपद उत्तरकाशी के छात्र/छात्राओं के बीच पहुंचा है। इसमें उद्यमिता, स्टार्ट-अप एवं इनोवेशन पर फोकस किया जाएगा।
ग्राफ़िक एरा विश्वविद्यालय के रूरल डेवलपमेंट प्रोग्राम – माइक्रोबायोलॉजी विभाग, टेक्नोलॉजी बिज़नस इनक्यूबेटर (टी० बी० आई०) एवं मैनेजमेंट स्टडीज विभाग डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्रीज सेंटर (डी०आई०सी०) उत्तरकाशी, एवं राजकीय पॉलिटेक्निक उत्तरकाशी द्वारा दो दिवसीय बूट कैंप / कार्यशाला का आयोजन किया गया।
बूट कैंप को डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्रीज सेंटर (डी० आई० सी०) उत्तरकाशी, उद्योग विभाग, उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रायोजित किया गया था। ग्राफ़िक एरा वि० वि० समस्त भारत वर्ष में एन० आई० आर० एफ़० में 55 वें स्थान पर हैं तथा विगत कई सालों से भारत वर्ष के पहले 100 वि० वि० में स्थान बनाये हुए है तथा उत्तराखंड के सुदूरवर्ती क्षेत्रों के पॉलिटेक्निक एवं आईटीआई
संस्थानों में टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हैण्ड-होल्डिंग ग्राफिक एरा वि० वि० की नवीनतम पहल में से एक है।
यही नहीं, ग्राफ़िक एरा वि० वि० का टेक्नोलॉजी बिज़नस इनक्यूबेटर (टी० बी० आई०) के डायरेक्टर प्रो० सचिन घई ने बताया कि चुने गये सभी आईडिया के छात्र-छात्राओं का नियमानुसार टी०बी०आई० मदद भी करेगा।
बूट कैंप के उद्घाटन करते हुवे कार्यक्रम की मुख्य अथिति श्रीमती शैली डबराल, जी० एम० डी० आई० सी० उत्तरकाशी में उद्योग विभाग के स्टार्ट अप कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस बूट कैंप से चयनित दस आईडिया को ग्रैंड चौलेंज के लिए चयनित किया जायेगा।
ग्रैंड चौलेंज में जीतने वाले आईडिया को दो लाख की धनराशी पुरस्कार के रूप में दी जयेगी। कार्यशाला में ग्राफ़िक एरा की टीम ने प्रतिभागियों को स्टार्ट उप आईडिया को चिह्नित करना, बिज़नस कैनवास बनाना तथा उद्यमिता के लिए प्रतिभागियों का स्टार्ट अप के प्रति रुझान वाले छात्र-छात्राओं का मनोवैज्ञानिक तकनीक द्वारा आंकलन किया।
प्रतिभागियों ने इन सब एक्टिविटीज में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया तथा देर शाम तक कार्यक्रम में बने रहे। कार्यशाला की अतिविशिस्ट अथिति प्रो० मधु थपलियाल, नोडल अधिकारी देव भूमि उद्यमिता केंद्र, गवर्नमेंट पीजी कॉलेज उत्तरकाशी ने कहा कि उद्यमशीलता पूरे क्षेत्र का गुण है। उद्यमिता से जुड़े आइडिया को मंच देने की जरूरत है। ताकि उद्यमशीलता के अनुभवों को और बेहतर तरीके से प्रस्तुत किया जा सकें।
उन्होंने कहा के बूट कैंप के द्वारा छात्र-छात्रओं को उनके इस हुनर के प्रति संवेदनशील किया जा रहा है जिससे वो आज के बदलते माहोल में अपने को दुनिया में स्थापित कर सकें। कार्यशाला में उत्साहित छात्र-छात्राओं ने कई आईडिया प्रस्तुत किये तथा सभी आईडिया सराहनीय रहे. इस कार्यशाल में राजकीय पॉलिटेक्निक के प्रिंसिपल प्रदीप चमोली तथा राजकीय पॉलिटेक्निक के सभी शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने सहयोग किया।
कार्यशाल के कोऑर्डिनेटर प्रो० आशीष थपलियाल ने बताया कि ग्राफ़िक एरा वि० वि० की यह नवीनतम पहल कम समय में ही अच्छे परिणाम सामने लायेगी और वि० वि० का माइक्रोबायोलॉजी विभाग उत्तराखंड के कुछ अहम् प्रोडक्ट दे चूका है जिसमे टाईफा़ईड के रोग का डाइग्नोस्टिक किट का पेटेंट एवं उसका टेक्नोलॉजी ट्रान्सफर, एवं उत्तराखंड की उत्कृष्ट हल्दी (गाजणा) बाजार में ला चूका है।
उन्होंने कहा कि समस्त उत्तराखंड में वेस्ट मैनेजमेंट में माइक्रोबायोलॉजी की एक अहम् भूमिका होगी तथा राजकीय पॉलिटेक्निक के साथ मिलकर इस समस्या का असरदार समाधान सामने आने की सम्भावना है।कार्यक्रम में डॉ. दीपक कौशल, डा० कार्तिक रैना, डॉ. रजत शर्मा तथा आशुतोष श्रीवास्तव, मास्टर ट्रेनर के रूप में उपस्थित रहे।