नृत्य और संगीत में स्वरोजगार की अपार संभावनाएंः मधु खट्टर

नृत्य और संगीत में स्वरोजगार की अपार संभावनाएंः मधु खट्टर
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तीर्थ चेतना न्यूज

ऋषिकेश। नृत्य और संगीत में स्वरोजगार की अपार संभावनाएं हैं। जरूरत इस बात की है कि इसे इसके लिए जरूरी कौशल प्राप्त किया जाए।

ये कहना गंगा कला की निदेशक मधु खट्टर का। श्रीमती खट्टर शुक्रवार को गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, पावकी देवी में चल रहे 12 दिवसीय उद्यमिता विकास कार्याक्रम के पांचवें दिन प्रतिभागियों को संबोधित कर रही थी। उन्होंने उद्यमीता और उद्यमशीता के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

प्रतिभागियों को सफल उद्यमी के महत्त्वपूर्ण कारकों से अवगत कराया। उन्होंने अपनी सफल उद्यम की यात्रा से प्रतिभागियों को अवगत कराया। श्रीमति खट्टर ने प्रतिभागियों को बताया कि उद्यम स्थापित करने हेतुः महत्वपूर्ण घटक है स्किल। नृत्य तथा संगीत मे उद्यम की अपार संभावनाएं है।

यदि किसी के पास पारम्परिक ज्ञान नहीं भी है तो सोशल प्लेटफॉर्म के माध्यम से ट्रेनिंग ले जा सकती है तथा उद्यमी बना जा सकता है। जो उद्यम किसी निवेश के बिना स्वयं की स्किल के आधार पर स्थापित किये जाते है वे सफलतम होते है।

द्वितीय सर्त में निखिल ने अपने अनुभवों को सांझा करते हुए बताया कि किस प्रकार वे ईडीआईआई ,अहमदाबाद से जुड़े है तथा स्वरोजगार एवम स्वावलंबन के क्षेत्र में निरंतर अपना योगदान दे रहे है। सामाजिक सरोकारों से जुड़े अपने अनुभवों के सार को सांझा करते हुए उन्होंने बताया की उत्तराखंड की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत क्षेत्रीय समस्याओं के समाधान हेतु व्यवसायों का प्रचलन अधिक होना चाहिए ।

देवभूमि उद्यमिता योजना की नोडल डा. तनु आर. बाली ने प्रतिभागियों को प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने के तौर तरीकों की जानकारी दी। इससे पूर्व कॉलेज की प्रिंसिपल प्रो. छाया चतुर्वेदी एवं देवभूमि उद्यमिता योजना नोडल डा0 तनु आर0 बाली ने पांचवें दिन के के कार्यक्रमों की शुरूआत की। डा0 संजय कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

Tirth Chetna

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