उत्तराखंड में अतिक्रमणकारियों/ अवैध कब्जाधारियों की खैर नहीं
तीर्थ चेतना न्यूज
ऋषिकेश। उत्तराखंड में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण करने/ अवैध तरीके से कब्जा करने वालों की खैर नहीं है। सरकार ने इसे संज्ञेय अपराध घोषित कर दिया है। इसमें 10 साल तक की सजा हो सकती है।
ये बात किसी से छिपी नहीं है कि उत्तराखंड की राजनीति को सरकारी जमीनों पर हुए अतिक्रमण और कब्जे करने वाले कई तरह से प्रभावित करते हैं। कम से कम राज्य के शहरी क्षेत्रों में ऐसा देखा जा सकता है। नदी/नालों के तटों पर बसी आबादी इसका प्रमाण भी है।
बहरहाल, अब प्रदेश की पुष्कर सिंह धामी ने इसको लेकर बोल्ड कदम उठाया है। धामी कैबिनेट ने उत्तराखंड भूमि पर अतिक्रमण निषेध अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। इसके तहत सरकारी, सार्वजनिक और निजी परिसंपत्तियों पर अवैघ तरीके से कब्जा संज्ञेय अपराध की श्रेणी में होगा। दोषी पाए जाने पर 10 साल तक सजा हो सकती है।
सरकार ने इस अध्यादेश का हरी झंडी तो दी है। सरकार की असली परीक्षा धरातल पर होने वाली है। राज्य के कई शहर अतिक्रमण और कब्जाों से कराह रहे हैं। देखने वाली बात होगी कि सरकार का बोल्ड स्टेप से इन शहरों को राहत मिलेगी।