गवर्नमेंट पीजी कॉलेज कोटद्वार में गीता जयंती पर गीता सुगीता कर्तव्या

कोटद्वार। गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, कोटद्वार में गीता जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित दो दिवसीय शैक्षणिक प्रतियोगिता संपन्न हो गई।
गीता तयंती के तहत मंगलवार को कॉलेज में गीता श्लोकोच्चारण प्रतियोगिता के बाद बुधवार को गीता सुगीता कर्तव्या विषय पर निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गई। दोनों प्रतियोगिताओ में छात्र- छात्राओं ने बढ़ -चढ़ कर प्रतिभाग किया।
गीता श्लोकोच्चारण में छात्र- छात्राओं ने गीता में निहित तत्वों कर्मयोग, भक्तियोग, कर्म योग आदि अनेकों विषयों पर गायन कला के माध्यम से अपने भावों को अभिव्यक्त किया ।
संस्कृत की विभागाध्यक्ष डॉ. अरुणिमा ने श्रीमदभगवतगीता की वर्तमान समय मे उपयोगिता और आवश्यकता पर विधिवत प्रकाश डालते हुए कहा कि गीता सर्वशास्त्रमयी है।
सत -असत विवेक की अवस्था में साधक द्वारा किया गया निष्कामकर्म अज्ञान एवं मोहनाशक है , किन्तु तत्वज्ञानी द्वारा किया गया निष्काम कर्म लोकहितकारी हैद्य यही नहीं गीता के प्रत्येक श्लोक के प्रत्येक शब्द ज्ञानमयी ज्योत्स्ना से ओतप्रोत हैं।
अंत में डॉ. रोशनी असवाल संस्कृत विभाग द्वारा सम्मिलित समस्त प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए गीता माहात्मय पर प्रकाश डालते हुए धन्यवाद ज्ञापन किया गया द्य साथ ही इस अवसर पर प्राध्यापक डॉ. मनोज एवं डॉ. प्रियम अग्रवाल ने भी अपने विचार व्यक्त कर प्रतिभागियों को ऐसे कार्य करने हेतु उत्साहित किया द्य इस अवसर पर महाविद्यालय की संरक्षिका प्रो. जानकी पंवार द्वारा बताया गया कि गीता उपनिषद का सार है ।
वेद भगवान का नि श्वास है और गीता भगवान की वाणी है द्य गीता सागर का भी सागर हैद्य गीता के अनुसार “ कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन “कहकर कर्म की इस गहनता को जीवन में उतारने के लिए प्रेरित किया द्य निश्चित ही गीता अमृतमयी है , इसमे लेश मात्र भी संदेह नहीं है , क्योंकि गीता मानवों को दुःख निवृत्ति का उपाय बताकर परम सुख की ओर अग्रसर करती है।
श्लोकोच्चारण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर कु. आँचल एम. ए. तृतीय सेम. , द्वितीय स्थान पर प्रकृति बी. ए. प्रथम वर्ष, तृतीय स्थान पर अभिषेक नेगी बी. ए. प्रथम वर्ष, रहे द्य इसी क्रम में निबन्ध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर प्रकृति बी. ए. प्रथम वर्ष, द्वितीय स्थान पर कु. आँचल एम. ए. तृतीय सेम. , तृतीय स्थान पर निकिता रही।