भूगोल ई लर्निंग पर किया भूगोलवेत्ताओं ने मंथन
ज्योग्राफिकल सोसाइटी ऑफ सेंट्रल हिमालय की ऑनलाइन संगोष्ठी
तीर्थ चेतना न्यूज
देहरादून। दीर्घकालीन विकास के लिए भौगोलिक अध्ययन जरूरी है। इसमें ई लर्निंग काफी हद मददगार साबित हो रही है। इस दिशा में आगे बढ़ा जाना चाहिए। ताकि भौगोलिक जानकारियों को और अधिक परिस्कृत किया जा सकें।
ये कहना है देश के चोटी के भूगोलवेत्ताओं का। मौका था ज्योग्राफिकल सोसाइटी ऑफ सेंट्रल हिमालय के तत्वाधान से आनलाइन संगोष्ठी का। सेवानिवृत्त एवं विद्वान भूगोलवेत्ताओ द्वारा भूगोल के वर्तमान स्वरूप पर विस्तृत चर्चा की गई।जी. एस. सी. एच. के अध्यक्ष एवं बी.जी.आर. कैंपस भूगोल विभाग अध्यक्ष प्रो. अनीता रूडोला द्वारा सभी सदस्यों का स्वागत किया गया।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र के सुनियोजित विकास के लिए क्षेत्र का भौगोलिक अध्ययन अनिवार्य है जिसमें ई लर्निंग काफी हद तक मददगार साबित हो रही है पर इंटरनेट पर अनेकों भौगोलिक आंकड़े संदेहपरक है जिसके लिए जी. एस सी . एच.एक अलग आंकड़े संग्रहण बैंक बनाएगी जो कि शोध एवं लर्निंग मे काफी हद तक मददगार साबित होगा।
प्रोफेसर कमलेश कुमार द्वारा शोध उद्देश्य धरातलीय एवं शोध कार्य से सरकार को अवगत कराने पर अपने विचार रखे । प्रोफेसर जे.एस. रावत अल्मोड़ा द्वारा ई लर्निंग के माध्यम से वर्तमान समय में जीआईएस की उपयोगिता पर विस्तार से बताया तथा इसकी उपयोगिता आपदा प्रबंधन एवं सुनियोजित विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया । जिला स्तर पर भूगोल के अध्ययन को वर्तमान आवश्यकता बताया ।
प्रोफेसर वी पी सतीमिजोरम द्वारा जी.एस.सी.एस. द्वारा सभी भूगोलवेत्ताओ को एक प्लेटफार्म पर एकत्र होने पर बधाई दी तथा सोसाइटी द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए सहयोग करने की बात कही।
प्रोफेसर एम.एस. नेगी डी.एस.डब्ल्यू .एवं विभाग अध्यक्ष भूगोल द्वारा सुझाए विषयों पर शोध कार्य करवाने का आश्वासन दिया । प्रोफेसर डी.डी. चौनियाल दून विश्वविद्यालय द्वारा भौगोलिक सूचना प्रणाली पर अपने विचार रखे। प्रोफेसर ए. राजशेखर झारखंड द्वारा उत्तराखंड में भूगोल क्षेत्र में हो रहे कार्य की सराहना करते हुए भूगोल क्षेत्र में मिलकर काम करने की बात कही।
जी. एस. सी. एच. के उपाध्यक्ष डॉ राजेश भट्ट द्वारा आनलाइन संगोष्ठी का संचालन किया गया। डॉ कमल सिंह बिष्ट डी.ए. बी. कॉलेज देहरादून द्वारा सभी विद्वानों का धन्यवाद किया गया इस मौके पर डॉ किरण त्रिपाठी तथा डॉ मंजू भंडारी उपस्थित थे।