छात्र/छात्राएं लिखेंगे अपने स्कूल और क्षेत्र का इतिहास
लेखन, रचनात्मकता एवं शोध की प्रवृत्ति हेतु अभिनव प्रयोग
तीर्थ चेतना न्यूज
देहरादून। राज्य के स्कूली छात्र/छात्राएं अपने स्कूल और क्षेत्र के इतिहास/भूगोल के बारे में पढ़ेंगे भी और लिखेंगे भी। छात्रों में लेखन, रचनात्मकता एवं शोध की प्रवृत्ति को विकसित करने के लिए एससीईआरटी के बैनर तले विभिन्न अभिनव पहल प्रारंभ किए जा रहे हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत छात्र एक विषय के रूप में इतिहास की महत्ता तथा इतिहास को लिखे जाने की प्रक्रिया को समझने के लिए अपने विद्यालय तथा सेवित क्षेत्र पर विस्तृत लेख लिखेंगे।
राज्य स्तर पर विकास खंड वार सर्वश्रेष्ठ लेखों को एससीईआरटी स्थित एन ई पी प्रकोष्ठ द्वारा संकलित कर प्रकाशित किया जाएगा। निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण उत्तराखंड श्रीमती बंदना गर्ब्याल द्वारा समस्त मुख्य शिक्षा अधिकारियों को इस आशय का आदेश निर्गत किया गया है।
इस प्रक्रिया में प्रत्येक छात्र द्वारा अपने विद्यालय, गांव, कस्बे, क्षेत्र के मानचित्र एवं इतिहास (स्थापना दिवस, प्रथम संस्थाध्यक्ष, शिक्षक, पूर्व विशिष्ट छात्रों का विवरण ) आदि का एक दस्तावेज तैयार करेगा।
इसके अतिरिक्त विद्यालय की भौगोलिक स्थिति, आवागमन के साधनों, स्थानीय पुरातन संरचना, ऐतिहासिक स्थल, भवन, संस्कृति, परंपराओं, मेलों, पर्वों, कृषि, जीव जंतुओं, वनस्पतियों, पर्यावरण, स्थानीय ऐतिहासिक व्यक्तियों (स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, वैज्ञानिक, साहित्यकार, समाजसेवी आदि) की जानकारी भी एकत्र कर सकेंगे।
इसके लिए छात्र अधिकतम पांच फोटोग्राफ्स की सहायता तथा स्थानीय व्यक्तियों आदि से साक्षात्कार द्वारा भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।