डर के साए में जी रहे श्री बदरीनाथ के तीर्थ पुरोहित
निर्माण एजेंसी के खिलाफ मुंह खोलने को तैयार नहीं शासन-प्रशासन
तीर्थ चेतना न्यूज
श्री बदरीनाथ। श्री बदरीनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित डर के साए में जी रहे हैं। उनके घरों की नींव को हिला देने वाला काम करने वाली निर्माण एजंेसी के खिलाफ शासन- प्रशासन मुंह खोलने को तैयार नहीं है।
ड्रीम प्रोजेक्ट ने श्री बदरीनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों के अस्तित्व को संकट में डाल दिया है। उनके घर ड्रीम प्रोजेक्ट के निशाने पर हैं। मास्टर प्लान से बाहर पंचभैया मोहल्ले के तीर्थ पुरोहित डर के साए में जी रहे हैं। यहां अधिकांश तीर्थ पुरोहितों के घर कभी भी दरक सकते हैं।
दरअसल, यहां काम कर रही निर्माण एजेंसी ने आस्था पथ के लिए ऐसी खुदाई की कि पूरा पंचभैया मोहल्ला दरकने की कगार पर पहुंच गया है। दर्जन भर लोगों के घर अब रहने लायक नहीं रह गए हैं। यहां रह रहे तीर्थ पुरोहितों की रात डर के साए में कट रही है। यहां कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है।
जिला प्रशासन ने अभी तक प्रभावितों की नाम एकत्रित करने के अलावा कुछ नहीं किया। शासन ने तो अभी तक इसका भी संज्ञान नहीं लिया। इस मामले मंे हैरान करने वाली बात ये है कि जिला प्रशासन निर्माण एजेंसी के खिलाफ मुंह खोलने तक के लिए तैयार नहीं है। इसको लेकर तीर्थ पुरोहितों में खासी नाराजगी है।
उपजिलाधिकारी जोशीमठ शेखर वशिष्ठ का कहना है कि पंचभैया मोहल्ले में क्षतिग्रस्त घरों के बारे में सूची तैयार कर ली गई है। मुआवजा समेत तमाम बातों के लिए शासन से दिशा निर्देश मांगे गए हैं। निर्माण एजेंसी के खिलाफ एक्शन के बारे में पूछे जाने पर उपजिलाधिकारी ने कहा कि लोनिवि के स्तर से ऐसी कोई रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। सिविल वर्क की देखरेख की एजेंसी लोनिवि है।