सरकार के खिलाफ श्री बदरीनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारियों का गुस्सा बरकरार
कहा, धाम के लिए कैसा ड्रीम प्रोजेक्ट जो नींव की अनदेखी हो रही हो
तीर्थ चेतना न्यूज
श्री बदरीनाथ। बगैर ठोस विस्थापन नीति के आदिधाम श्री बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान को धरातल पर उतारने की सरकार की जिद के खिलाफ तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारियों का गुस्सा बरकरार है।
गुरूवार को क्रमिक अनशन के आठवें दिन श्रीश कोटीयाल, प्रमोद नारायण मेवाड़ गुरु, रत्नेश कोटियाल, ंसंगीता भटट, सीमा खडूड़ी अनशन पर बैठे। इस मौके पर आयोजित सभा में वक्ताओं ने सवाल उठाया कि आदि धाम श्री बदरीनाथ को लेकर ये कैसा ड्रीम प्रोजेक्ट है जिसमे नींव की ही उपेक्षा हो रही है।
कहा कि मास्टर प्लान को धरातल पर उतारने से पहले अधिकारियों को आदिधाम से इतिहास इसको स्थापित करने और प्रचारित प्रसारित करने में अहम रोल प्ले करने वालों के बारे में भी जानना चाहिए। कहा कि श्री बदरीनाथ धाम 53-54 साल का धाम नहीं है।
आज जो दिख रहा है उसे बनाने में तीर्थ पुरोहितों की कई पीढ़ियां खपी हैं। इस मौके पर संधर्ष समिति के अध्यक्ष डा. जमुना प्रसाद रैवानी, सुबोध डंगवाल, रामकिशोर ध्यानी, दिनकर बाबुलकर, दिगंबर कोटियाल, देशिक पंडित मंजू दाढी , धीरज मेहता, बीना डिमरी, बिदरा पवार, मोतीवाल कोटियाल, माखनलाल लाल ध्यानी , अशोक टोडरिया आदि मौजूद थे।