प्रिंसिपल डा. मीना सेमवाल ने खास बना दिया जीजीआईसी किलकिलेश्वर

प्रिंसिपल डा. मीना सेमवाल ने खास बना दिया जीजीआईसी किलकिलेश्वर
Spread the love

एक प्रिंसिपल ऐसा भी
उत्तराखंड देश के उन चुनिंदा राज्यों में शामिल है जहां 80 प्रतिशत से अधिक गवर्नमेंट डिग्री/पीजी कॉलेजों में प्रिंसिपल तैनात हैं। वहीं उन राज्यों में भी शामिल है जहां स्कूली शिक्षा में 80 प्रतिशत स्कूल बगैर प्रिंसिपल के हैं। कुछ प्रिंसिपल ने बेहतर काम, कुशल नेतृत्व से कॉलेज की तस्वीर बदल दी। ऐसे कॉलेजों और लीड कर रहे प्रिंसिपलों को हिन्दी न्यूज www.tirthchetna.com पोर्टल का सलाम।
आज से हम ऐसे स्कूल/ कॉलेजों के प्रिंसिपल पर एक प्रिंसिपल ऐसा भी नाम से साप्ताहिक कॉलम प्रकाशित कर रहे हैं। ये कॉलेज हिन्दी न्यूज पोर्टल www.tirthchetna.com के साथ ही रविवार को प्रकाशित होने वाले हिन्दी सप्ताहिक तीर्थ चेतना में भी प्रकाशित किया जाएगा।

कीर्तिनगर। टिहरी जिले के कीर्तिनगर ब्लॉक का राजकीय बालिका इंटर कॉलेज का भवन बेशक छोटा हो। जरूरी संसाधन भी कम हों। मगर, ज्ञान, कौशल और कुछ हटकर होने वाले प्रयास इस स्कूल को खास बना देते हैं। ऐसा संभव हुआ प्रिंसिपल डा. मीना सेमवाल के प्रयासों से।

बतौर फिजिक्स लेक्चरर सरकारी सेवा शुरू करने वाली डा. मीना सेमवाल ने यहां बतौर प्रिंसिपल ज्वाइन करने के बाद जीजीआईसी किलकिलेश्वर की सूरत बदल दी। “छात्राओं में ज्ञान और कौशल का विकास कर उन्हें शैक्षिक व सामाजिक रूप से सशक्त बनाना। छात्राओं में समाज की बेहतरी के लिए कुछ करने का जज्बा पैदा किया।

नए-नए प्रयासों के माध्यम से प्रिंसिपल डा. सेमवाल और उनकी टीम करती रहती है। परिणाम कॉलेज का भवन गौण हो जाता है। इस स्कूल का मूल्यांकन यहां की छात्राओं और सीमित संसाधनों में हुए बेहतर प्रयास और उम्दा परिणामों से होता है।

एक छात्रा एक पौधा के द्वारा विद्यालय की छात्राओं में पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन के प्रति जागरूक करने के लिए विद्यालय परिसर में 70 से अधिक प्रजातियों के फलदार वृक्ष, औषधीय पादप , छायादार पादप, शोभादार पादप व विभिन्न प्रकार के पुष्प रोपित किए गए हैं ,जिनकी देखभाल की जिम्मेदारी छात्राओं की ही होती है।

समाज में संवेदनशीलता उत्पन्न करने के उद्देश्य से समाज में व्याप्त कुरीतियों व उन मुद्दों को जो समाज में जागरूकता उत्पन्न कर सकते हैं उन्हें वॉल पेंटिंग के जरिए दर्शा कर विद्यालय की चारदीवारी में “ज्ञान की दीवार “ को बनाया गया है।

साथ ही कम्युनिटी मोबिलाइजेशन के लिए ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत व ग्राम समितियों की प्रतिनिधियों के क्षमता विकास के लिए लगातार कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं । विद्यालय में संचालित विभिन्न गतिविधियों के द्वारा छात्राओं में सॉफ्ट स्किल को विकसित करने के लिए लगातार प्रयत्नशील रहती हैं।

कोविड-19 के भयावह दौर में छात्राओं के मनोवैज्ञानिक दबाव को कम करने के लिए “प्रेरक संदेश माला“ शुरू की गई । जिसमें शिक्षाविदों, समाजसेवियों, पर्यावरणविदों व कलाकारों के संदेशों को प्रसारित किया गया ,साथ ही छात्राओं के लिए प्रत्येक माह ऑनलाइन स्थानीय व्यंजन ,खानपान ,लेखन ,गायन, नृत्य , चित्रकला ,मेहंदी व रंगोली प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिससे छात्राओं में सीखने की प्रक्रिया जारी रह सके।

छात्राओं को सशक्त बनाने के लिए व उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए विधिक जागरूकता, आत्मरक्षा कौशल ,पर्सनल हाइजीन ,कैरियर काउंसलिंग ,नशा मुक्ति आदि विषयों पर विषय विशेषज्ञों के व्याख्यानों का आयोजन किया जाता है।

शिक्षा को रोजगारोन्मुख बनाने के लिए दानदाताओं के सहयोग से सुसज्जित गृह विज्ञान प्रयोगशाला बनाई गई जिसमें छात्राओं को सिलाई, बुनाई, कुकिंग, बेकिंग सिखायी जाती है। शैक्षिक संवर्धन के लिए अजीम प्रेमजी फाउंडेशन, इंटरनेशनल गुडविल सोसायटी ,हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, रोटरी क्लब ,लीगल लिटरेसी सेल ,पुलिस प्रशासन ,स्थानीय प्रशासन का समय-समय पर सहयोग लिया जाता है।

2020में विद्यालय को “बेस्ट इनोवेटिव सीनियर सेकेंडरी स्कूल“ के पुरस्कार से नवाजा गया था।

Tirth Chetna

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *