आदिधाम श्री बदरीनाथ के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू
तीर्थ चेतना न्यूज
श्री बदरीनाथ। हिंदुओं की आस्था के प्रतीक आदिधाम श्री बदरीनाथ के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो गई। कपाट 18 नवंबर को बंद होंगे। कपाट बंद होने की प्रक्रिया का गवाह बनने के लिए बड़ी संख्या में श्रृद्धालुओं के पहुंचने का क्रम शुरू हो गया।
आदि धाम श्री बदरीनाथ के कपाट 18 नवंबर को दोपहर बाद तीन बजकर 33 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। कपाट बंद होने की प्रक्रिया मंगलवार को गणेश मंदिर के कपाट बंद होने के साथ शुरू हो गई। कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत 15 नवंबर को आदिकेदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद होंगे।
16 नवंबर को खड़क पुस्तकों को गर्भगृह में रखा जाएगा। इसके साथ ही श्री बदरी पुरी में वेद ऋचाओं का वाचन अगले वर्क कपाट खुलने तक बंद कर दिया जाएगा। 17 नवंबर को लक्ष्मी मंदिर में कड़ाई भोग का आयोजन किया जाएगा।
18 नवंबर को सुबह लक्ष्मी की प्रतिमा को श्री बदरीनाथ गर्भगृह में रखा जाएगा। साथ ही कुबेर जी, गुरूड़ जी और उद्धव जी की प्रतिमा को उत्सव डोली में रखा जाएगा। दोपहर बाद तीन बजकर 33 मिनटर पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।