… और ऋषिकेश में नहीं बन सका स्टील गार्डर ब्रिज
ऋषिकेश। त्रिवेणीघाट के विस्तारीकरण के तहत प्रस्तावित स्टील गार्डर ब्रिज 10 सालों में नहीं बन सका। प्रस्तावित फुट ब्रिज के बनने से बैराज से रामझूला तक की एप्रोच डेवेलप हो जाती। मगर, इसकी कोई सुध लेने वाला ही नहीं है।
त्रिवेणी घाट का विकास हर की पैड़ी की तर्ज पर करने की घोषणाएं अक्सर होती रहती है। ये बड़ा काम है और इसके लिए बड़ी प्रतिबद्धता की दरकार है। हाल फिलहाल ऐसी प्रतिबद्धता पिछले 15 सालों में दूर-दूर तक देखने को नहीं मिली।
ऋषिकेश के विकास के लिए कैसी प्रतिबद्धता है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि त्रिवेणीघाट के विस्तारीकरण में प्रस्तावित स्टील गार्डर ब्रिज 10 सालों में नहीं बन सका। इसके लिए कभी आवाज भी नहीं उठाई गई।
प्रस्तावित फुट ब्रिज के बनने से बैराज से रामझूला तक की एप्रोच डेवेलप हो जाती। मुनिकीरेती में खारास्रोत नदी पर करीब सात साल पूर्व कांग्रेस शासन में ऐसा ब्रिज बन चुका है। इससे रामझूला तक की एप्रोच डेवेलप हो चुकी है।
हैरानगी की बात ये है कि चुनावी साल में जहां खूब घोषणाएं हो रही हैं वहीं जिम्मेदार लोग पूर्व में ही स्टील गार्डर ब्रिज को भुलाने का प्रयास कर रहे हैं। भूलाने वालों के मददगार भी खूब हैं।