एक स्कूल दो निजाम पर शिक्षा विभाग की चुप्पी
तीर्थ चेतना न्यूज
देहरादून। एक स्कूल परिसर के दो-दो निजामों के तहत संचालित होना शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है। विभाग के लाख दावों के बावजूद दोहरी व्यवस्था समाप्त होने का नाम नहीं ले रही है।
सरकारी स्कूलों में वर्ष 1991 में सीटी संवर्ग समाप्त होने के बाद शुरू हुआ प्रयोगों का दौर ने स्कूलों की व्यवस्थाओं को पटरी से उतार दिया है। इससे न तो प्राथमिक स्कूल, जूनियर और न ही इंटर कॉलेज ही बच पाए।
पूर्व के प्रयोगों के परिणामों की समीक्षा किए बगैर अब नए-नए प्रयोग करने की तैयारी है। बहरहाल, एक स्कूल परिसर के दो-दो निजामों के तहत संचालित होना कई सवाल खड़े करता है।
हाई स्कूलः/इंटर कॉलेज परिसर में जूनियर का मुखिया और स्टॉफ अलग है और हाई स्कूल/इंटर कॉलेज का अलग। कुछ सरकारी स्कूलों में अजीबोगरीब व्यवस्था है। शिक्षा विभाग के अधिकारी हर साल एक करने और एक ही मुखिया के नियंत्रण में स्कूल के संचालन की बात करते हैं। मगर, होता नहीं है।
दर्जनों ऐसे स्कूल पूरी ठसक के साथ संचालित हो रहे हैं। इससे इस व्यवस्था से शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होते हैं। हालात ये है कि कई स्कूलों में एलटी के छह शिक्षकों के पास पढ़ाने के लिए सिर्फ दो क्लास नौ वीं/10 वीं हैं। जबकि छह-आठवीं तक के छात्र/छात्राओं को पढ़़ाने के लिए जूनियर के तीन/चार शिक्षक अलग से हैं।