उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का 7वां दीक्षांत समारोह संपन्न
59 को पीएचडी की डिग्री, 54 मेधावी छात्र/छात्राओं को गोल्ड मेडल
तीर्थ चेतना न्यूज
देहरादून। वीर माधो सिंह भण्डारी उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का 7वां दीक्षांत समारोह संपन्न हो गया। दीक्षांत समारोह में 59 को पीएचडी की डिग्री प्रदान की गईं। यूजी और पीजी के 54 मेधावी छात्र/छा़त्राओं को गोल्ड और 51 को सिल्वर मेडल से नवाजा गया।
म्ंगलवार को विश्वविद्यालय मुख्यालय परिसर मंे आयोजित दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति/ राज्यपाल ले.ज गुरमीत सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि 54 छात्र/छात्राओं को गोल्ड मेडल और 51 को सिल्वर मेडल से नवाजा।महिला प्रौद्योगिकी संस्थान से बी0टैक0 इलैक्ट्रॉनिक्स एण्ड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग ब्रांच की छात्र हर्षिता शर्मा ने बी0टैक0 में ‘‘युनिवर्सिटी टॉप’’ किया है जिन्हें ‘‘श्रीमती विनोद देवी अग्रवाल मेमोरियल गोल्ड मेडल’’ से भी सम्मानित किया गया है।
विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं उत्तराखण्ड के राज्यपाल ले0 जनरल गुरूमीत सिंह टसरो के निदेशक एस0 सोमनाथ, को डी0लिट की मानद उपाधि एवं पदमश्री प्रो0 एच0सी0 वर्मा रिटायर्ड प्रोफेसर आई0आई0टी0 कानपुर को डी0एस0सी0 की मानद उपाधि से अलंकृति किया गया है।
विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं राज्यपाल ले0 जनरल गुरूमीत सिंह ने दीक्षांत समारोह में उपस्थित युवाओं को उनके बेहतर भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि तकनीकी क्षेत्र से जुड़े छात्र/छात्राओं से शानदार अजीत को लेकर आगे बढ़ने का आहवान किया।
कुलाधिपति ने कहा कि आज के इस शुभ अवसर पर मैं आपके माता-ंउचयपिता, शिक्षकों और उन सभी महानुभावों को भी बधाई देता हूं ,जिन्होंने आपके ज्ञान, कौशल व पालन-ंउचयपोषण करने में सहयोग दिया है।
राज्यपाल ले0 जनरल गुरूमीत सिंह ने उदबोधन में कहा कि डिग्री और मेडल अर्जित करने के योग्य बनाने में आपके स्वयं के परिश्रम, आपकी दृ-सजय़ता और प्रतिबद्धता का भी बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि आज का दिन तो दीक्षा का है और दीक्षान्त की हमारी परम्परा हजारों वर्षों से चली आ रही है।
उन्होंने कहा कि आज से आपके जीवन में नयी संभावनाआंे के नये द्वार खुल गये हैं जिसमें विश्वविद्यालय और संस्थानों ने आपको ज्ञान और कौशल सम्पन्न बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और अब आपके पास अपनी क्षमताओं को प्रदर्शित करने का समय हैं। आपकी प्रतिभा को नये प्रतिमान देने के लिए भारत सहित पूरा विश्व आपकी प्रतीक्षा कर रहा है।
कुलाधिपति एवं राज्यपाल ने विद्यार्थियों को भगवान बुद्ध की पवित्र वाणि ‘‘आत्म दीपो भवः’’ अर्थात ‘‘अपनी रोशनी स्वयं बनो’’ को जीवन में उतारने का आह्वान किया तथा कहा कि आप सभी को गुरू गोविन्द सिंह जी के पवित्र संकल्प ‘‘आपको अपनी शक्ति पर पूर्ण विश्वास होना चाहिए’’, ‘‘शुभ कामों को करने में कभी भी पीछे नहीं हटना चाहिए’’ को आत्मसाथ करें।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों ने देश का नाम धरती क ेसाथ-ंसाथ अंतरिक्ष में भी अमर कर दिया है। हमारे लिए गौरवपूर्ण उपलब्धियां देने वाला इसरो पूरी मानवता के लिए महान योगदान दे रहा है। इसी इसरो के अध्यक्ष एस0 सोमनाथ और बच्चों को विज्ञान के प्रति सहज रूचि और दृष्टिकोण विकसित करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले पदमश्री प्रोफेसर एच.सी. वर्मा को मानद उपाधियां प्रदान करना मेरे लिए बहुत ही सुखद और गौरवशाली क्षण हैं।
राज्यपाल ने कहा कि पदमश्री प्रो0 एच0सी0 वर्मा द्वारा भौतिकी में ज्ञान-ंविज्ञान का जो सा-हजया मिश्रण किया है वह काबिले तारीफ है। उन्होंने कहा कि आज मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं कि तकनीकी विश्वविद्यालय ने देश के दो विद्धानों को मानद
उपाधि से सुसज्जित कर बहुत ही सराहनीय कार्य किया है।
तकनीकी शिक्षा मंत्री, सुबोध उनियाल ने छात्रों को रोजगार तलाशने की बजाय स्वरोजगार के अवसरों को अपनाने तथा दूसरों को रोजगार के अवसर मुहैया कराने के लिए रोजगार देने वाले इंजीनियर के रूप में आपने आप को साबित करने के लिए प्रोत्साहित किया।
उन्होंने कहा कि हमे वर्तमान प्रतिस्पर्धा के युग में अपनी प्राचीन सभ्यता व संस्कृति को बचाये रखने की ओर भी ध्यान देने की जरूरत है। तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदेश सरकार कृतसंकल्पित है।
कहा कि विश्वविद्यालय के पास सीमित संसाधन होने के बावजूद विश्वविद्यालय बेहतर कार्य कर रहा है और यह सब कुलपति प्रो0 आंेकार सिंह के कुशल नेतृत्व का ही परिणाम है। विगत एक वर्ष में विश्वविद्यालय में जो परिवर्तन देखने को मिले हैं वो अच्छे संकेत हैं।
समारोह में अपर सचिव, तकनीकी शिक्षा, स्वाति भदौरिया ने भी छात्रों को उन्हेंउनके उज्जवल भविष्य की बधाई व शुभकामनाएं देते कहा कि आप लोगों के लिए आज का दिन बहुत ही अविस्मरणीय है। शिक्ष्क जिन्होंने कि आपको कुशल शिक्षा ग्रहण कराने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
उन्होंने कहा कि आप लोगों से प्रदेश, देश व समाज को बहुत अपेक्षाएं है और जो भी आप लोग करें उसमंे अपना बेस्ट करें। उन्होंने कहा कि जो समय निकल जाता है वह फिर लौट कर नहीं आता है। आप सभी प्रदेश व विश्वविद्यालय के ब्राण्ड एम्बेसडर होंगे ऐसा कार्य करें।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 आंेकार सिंह ने समारोह में उपस्थित सभी मेधावी छात्र-ंउचयछात्राओं को बधाईयां देते हुए कहा कि आप लोगों को सदैव अग्रगामी सोच रखते हुए आगे ब-सजय़ कर समय प्रबन्धन के साथ कठिन परिश्रम करें, सदैव लक्ष्यों का निर्धारण अपनी क्षमता और अपने दायित्वों के आलोक में करें, जीवन भर, धैर्यपूर्वक सुनने और सीखने की अपनी जिज्ञासु प्रवृत्ति को बनाये रखने की प्रक्रिया को जीवन भर कम न होने दें, सदैव चुनौतियों को स्वीकार करो और उन्हें अवसरों में बदलने का प्रयास करो। अपने पर पूर्ण भरोसा करना, हमेशा सकारात्मक रहना और प्रतिदिन आत्म चिन्तन करने जैसे ज्ञान मंत्र आने वाले भविष्य
को बेहतर बनाने के लिए दिये।
विशिष्ट अतिथि पदमश्री प्रो0 एच0सी0 वर्मा ने दीक्षा ले रहे छात्र-ंछात्राआंें को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज विश्वविद्यालय प्रांगण से आप जो शपथ लेकर जा रहे हैं उसे याद रखना होगा तथा देश और समाज के लिये कुछ करने
का जज्बा अपने अन्दर रखना होगा।
उन्होंने कहा कि हमने देखा है कि तकनीकी का जो विकास हमारे देश में हो रहा है वह अद्भुत है। और यही नहीं हमारी व्यवस्था में भी क्रांतिकारी परिवर्तन हो रहा है जो कि कोविडकाल खण्ड में देखने को मिला है।
दीक्षान्त समारोह में इसरो अध्यक्ष एस0 सोमनाथ द्वारा आभासीय माध्यम से विश्वविद्यालय को उत्कृष्ट तकनीकी शिक्षा देने हेतु बधाई दी। कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो0 सत्येन्द्र सिंह ने समारोह में उपस्थित समस्त अतिथियों, पदक धारकों, उपाधि धारकों, शिक्षकों, कर्मचारियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।