उत्तराखंड की पांच सीटों पर सिटिंग गेटिंग का फार्मूला मुश्किल

उत्तराखंड की पांच सीटों पर सिटिंग गेटिंग का फार्मूला मुश्किल
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भाजपा में विभिन्न स्तरों से मिले फीडबैक का विश्लेषण शुरू

तीर्थ चेतना न्यूज

देहरादून। क्या भाजपा लोक सभा चुनाव में पांचों मौजूदा सांसदों को चुनाव मैदान में उतारेगी ? किस सीट को लेकर पार्टी के पास क्या है फीडबैक। इसको लेकर ऑफ द रिकॉर्ड जितने मुंह उतनी बातें हो रही हैं। 

जी हां, उत्तराखंड की भाजपा की आंतरिक राजनीति में इन दिनों उक्त सवालों पर खूब चर्चा हो रही है। कुछ सीटों को लेकर कानाफूसी भी हो रही है। इतना तय है कि इस बार बार भाजपा उत्तराखंड की पांच सीटों पर सिटिंग गेटिंग का फार्मूला शायद ही लगाए।

दरअसल, भाजपा हाईकमान के पास पांचों सीटों का विभिन्न स्तरों से फीडबैक पहुंच चुका है। फीडबैक का विश्लेषण भी हो चुका है। इसके बाद तीन लोकसभा सीटों को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। हरिद्वार में चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं की संख्या में एका एक बढ़ोत्तरी देखी जा रही है।

यहां धीरे -धीरे बोल कोई सुनना ले की तर्ज पर शह और मात का खेल भी शुरू हो गया है। सक्रियता/निष्क्रियता की रिपोर्ट कॉमन प्लेस पर पहुंच रही हैं। दिग्गज नेता गुटबाजी की बात से इनका कर रहे हैं। मगर, ये महसूस हो जाती है। पार्टी के नेता इसे महसूस करने वाले कही गलती बता दे रहे हैं।

इसी प्रकार टिहरी और पौड़ी सीट को लेकर भी कई तरह की चर्चाएं हैं। टिहरी सीट पर प्रत्याशी बदलने की चर्चा 2019 के चुनाव में भी खूब हुई थी। अंतिम क्षणों मंे सिटिंग गेटिंग चल गया था। पौड़ी सीट पर चर्चाओं का भले ही आधार न हो। मगर, देहरादून में कुछ चेहरों की ओर इशारा हो रहा है।

ये चेहरे देहरादून से चलकर हरिद्वार की ओर बढ़ते हैं या पौड़ी की ओर ये देखने वाली बात होगी। अल्मोड़ा सीट को लेकर चर्चा यूपी तक पहुंच गई है। यहां से एक मौजूदा कैबिनेट मंत्री को लेकर चर्चा है।

नैनीताल सीट को लेकर अभी तक कुछ ऐसी चर्चाएं सामने नहीं आई हैं। कुल मिलाकर जिस प्रकार से चर्चाएं चल रही हैं उससे नहीं लगता कि इस बार भाजपा सिटिंग गेटिंग के फार्मूले को चलाए।

Tirth Chetna

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