देश को पारदर्शी परीक्षा प्रणाली की दरकार

तीर्थ चेतना न्यूज
ऋषिकेश। देश को पारदर्शी परीक्षा प्रणाली की दरकार है। केंद्र और राज्य सरकारां को एक होकर इस पर काम करना चाहिए। ताकि देश को योग्य, क्षमतावान, ईमानदार और निष्ठावान कार्मिक मिल सकें।
देश के अधिकांश राज्यों में कार्मिकों की भर्ती के लिए होने वाली परीक्षाओं पर सवाल खड़े हो रहे हैं। पेपर लीक से लेकर रिश्वतखोरी, रसूखदारी और भाई भतीजावाद आम हो गया है। हर नियुक्ति पर सवाल उठ रहे हैं या संदेह की नजर से देखा जा रहा है। परिणाम युवाओं का मेहनत के प्रति मोहभंग हो रहा है। ये चिंता की बात है।
युवाओं के मन में ये बात घर कर रही है कि मेहनत के बजाए ले देकर सरकारी नौकरी हासिल की जा सकती है। युवाओं को इस मन स्थिति से उभारने की जरूरत है। इसके लिए एक पारदर्शी परीक्षा प्रणाली की दरकार है। ताकि देश के लिए योग्य, क्षमतावान, ईमानदार और निष्ठावान कार्मिकों का चयन हो सकें।
ले देकर और बेमानी से परीक्षा पास करने वालों को हतोत्साहित करने की जरूतर है। ऐसे लोग देश के सिस्टम के लिए बड़ा खतरा हैं। इसका असर देश की क्षमताओं पर दिख भी रहा है। देश की तरक्की कई स्तरों पर प्रभावित हो रही है। इस पर गौर करने की जरूरत है।
इसके लिए सत्तासीन राजनीतिक दलों को खुले मन और देश के हित को ध्यान में रखते हुए आगे आना चाहिए। केंंद्र और राज्य सरकारों को इस पर एक होकर काम करना चाहिए। एक ऐसा सिस्टम विकसित करना होगा जो योग्य, क्षमतावान, ईमानदार और निष्ठावान कार्मिकों की चयन की गारंटी देता हो।