शैलजा नेगी को पीएचडी की उपाधि
तीर्थ चेतना न्यूज
पौड़ी। शैलजा नेगी को हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय ने पीएचडी की उपाधि प्रदान की है। उन्होंने अपना शोध प्रख्यात जंतु विज्ञानी एवं विश्वविद्यालय के डीन साइंस प्रो. अनूप कुमार डोबरियाल तथा गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, देहरादून शहर के असिस्टेंट प्रो. डॉ.पंकज बहुगुणा दिशा निर्देशन में किया।
डायवर्सिटी एंड ड्रिफ्टिंग पैटर्न ऑफ वाटर माइट फ्रॉम स्प्रिंग फेड स्ट्रीम्स ऑफ गढ़वाल हिमालय विषय पर प्रस्तुत शोध में गढ़वाल विश्वविद्यालय ने शैलजा नेगी को पीएचडी की उपाधि प्रदान की है। शैलजा ने शोध के दौरान पानी में पाए जाने वाली मकड़ियों की दो नई प्रजातियों की खोज की।
उत्तराखंड में जलियां मकड़ियों पर सबसे पहले शोध कार्य प्रोफेसर डोबरियाल तथा डॉ. नीरज कुमार द्वारा 1991 में प्रारंभ किया । इस कार्य को प्रोफ़ेसर डोबरियाल के साथ डॉ बहुगुणा ने आगे बढ़ाया अब तक डॉ. बहुगुणा 15 जलियां मकड़ियों की खोज उत्तराखंड क्षेत्र में कर चुके है।
प्रो. डोबरियाल तथा डॉ. बहुगुणा द्वारा डोबरियाल बहुगुणा ड्रिफ्टिंग इंडेक्स पर शैलजा ने पहली बार कार्य किया । मकड़ियों की दो नई प्रजातियों की खोज का शोध पत्र एससीआई इंडेक्स शोध पत्रिका में प्रकाशित हुआ ।
इसका श्रेय वह अपने शोध निर्देशकों को देती है। शैलजा नेगी अब तक 10 शोध पत्रों का प्रकाशन कर चुकी है । शैलजा नेगी प्रोफेसर अनूप कुमार डोबरियाल के साथ शोध कार्य करने वाली 25 वीं शोध छात्रा है।
प्रोफेसर डोबरियाल 200 से भी अधिक मौलिक शोध पत्रों का प्रकाशन राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में कर चुके हैं। चार पुस्तकों का लेखन इनके द्वारा किया गया है।
मत्स्य प्रजनन विज्ञान में प्रोफेसर डोबरियाल द्वारा डोबरियाल इंडेक्स का प्रतिपादन किया है। मत्स्य प्रजनन विज्ञान में डोबरियाल इंडेक्स का विदेशों में भी प्रयोग किया जा रहा है। यूजीसी तथा डीएसटी की कई शोध परियोजनाओं को पूर्ण करने का श्रेय प्रोफेसर डोबरियाल को है।