शिक्षा विभाग की इस कसरत का क्या लाभ, फिर सामने आई शून्य छात्र संख्या

देहरादून। राज्य के इंटर कॉलेजों में शून्य छात्र संख्या वाले मामलों में शिक्षा विभाग की कसरत बेकार साबित हो रही है। इसके नाम पर हुए शिक्षकां के तमाम तबादलों के बावजूद फिर से शून्य छात्र संख्या के मामले सामने आने लगे हैं।
अनिवार्य तबादले करने से पहले शिक्षा विभाग ने शून्य छात्र संख्या वाले विषय में तैनात शिक्षकां को इधर-उधर किया। तब लगा था कि अब शून्य छात्र संख्या वाले मामले समाप्त हो गए हैं।
ऐसी समस्या अब नहीं रहेगी। मगर, अनिवार्य स्थानांतरण सूची के जारी होते ही शून्य छात्र संख्या वाले विषय सामने आ गए। गजब बात ये है कि शिक्षक स्कूल में शून्य छात्र संख्या का दावा कर रहे हैं और विभाग ऑल इज वेल गुनगुना रहा है।
ऐसे में विभागीय एक्सरसाइज पर सवाल खड़े हो रहे हैं। कहा जा सकता है कि विभाग की इस संबंध में की गई एक्सरसाइज बेकार साबित हुई।
यही नहीं इससे कई संदेह भी पैदा हो रहे हैं। कम से कम पब्लिक डोमेन में तो ऐसा देखा और सुना जा रहा है। इस प्रकार की समस्या की कुछ खास वजह हैं। इसमें सबसे बड़ी वजह शिक्षकों को प्रमोशन का न होना है।
इस प्रकार की समस्याओं को विभाग समय से प्रमोशन के माध्यम से हैंडिल कर सकता है। मगर, फिलहाल विभाग का फोकस तबादले को लेकर शिक्षकों की आपत्ति के निस्तारण करने में लगा हुआ है।