जनता का भरोसा खो रही पॉलिटिकल क्लास और नौकरशाही

ऋषिकेश। उत्तराखंड में पॉलिटिकल क्लास और नौकरशाही तेजी से जनता का भरोसा खो रही है। इससे पैदा हो रहे नकारात्मकता के भाव को आसानी से देखा और महसूस किया जा सकता है।
छोटे से राज्य उत्तराखंड को लेकर जैसी कल्पना की गई थी और राज्य के लिए मरे मिटे लोगों ने जैसे सपने देखे थे, वैसा दूर-दूर तक नहीं हैं। पहले दिन से ही राजनीति ने राज्य के लोगों के भरोसे पर परखी लगानी शुरू कर दी। इस परखी से उत्तराखंड का भरोसा छेदों में तब्दील हो गया।
22 सालों के बाद अब पॉलिटिकल क्लास सत्ता पक्ष/ विपक्ष जनता का भरोसा खो चुके हैं। पॉलिटिकल क्लास पर कई कोणों से भरोसा करके भी जनता के हाथ कुछ नहीं लगा। हालात ये हैं कि पॉलिटिकल क्लास को कोसते-कोसते अब राज्य के लोग थक चुके हैं।
यही स्थिति नौकरशाही की भी है। चमोली जिले के हेलंग में हाल के दिनों में जो कुछ दिखा उससे लोग हतप्रभ हैं। इस पर पॉलिटिकल क्लास में सतही रिएक्शन चिंता में डालते हैं। इन खामियों नेशनल पॉलिटिक्स के मुददों से दबाने के प्रयास हो रहे हैं। पॉलिटिकल क्लास को इसमें सफलता भी मिलती रही है।
अब राज्य के लोग इस खेल को काफी हद तक समझ चुके हैं। हालांकि देर से बन रही समझा की वजह से राज्य को खासा नुकसान हो चुका है। ये तय है कि पॉलिटिकल क्लास और नौकरशाही जनता का भरोसा खो चुके हैं। लोग अब ये मानने लगे हैं कि नौकरशाही काम अटकाने/लटकाने और पॉलिटिकल क्लास वोट लेने के लिए ही है।
इस प्रकार की भावना से समाज में नकारात्मकता पैदा हो रही है। रही सही कसर सब कुछ देहरादून में केंद्रीत होने से पूरी होकर रह गई है। देहरादून से ही आहवान हो रहे हैं और देहरादून में ही चिंताओं का मंच भी सजा हुआ है।