नई शिक्षा नीतिः सरकार है तैयार, यूनिवर्सिटी/कॉलेजों की क्या है स्थिति
देहरादून। नई शिक्षा नीति-2020 को लागू करने में उत्तराखंड पहला स्थान पाना चाहता है। सरकार ने इस दिशा में जोर लगा दिया है। धरातल पर प्रथम आने का लक्ष्य राज्य की यूनिवर्सिटी/कॉलेजों की स्थिति पर निर्भर करेगा।
नई शिक्षा नीति-2020 खास है। खास इसलिए की इस नीति पर शिक्षाविदों ने सार्वजनिक तौर पर कुछ भी किंतु-परंतु नहीं लगाया। हां, धीरे-धीरे बोल कोई सुनना ले की तर्ज कुछ सवाल जरूरत उठ रहे हैं। कार्यशालाओं में भी इस प्रकार के सवाल उठने की बातें सामने आती रही हैं। लोकतंत्र में धीरे-धीरे वाले सवालों का कोई मायने नहीं होता। इसलिए फिलहाल ऑल इज वेल ही माना जा रहा है।
ऐसे में आम लोगों को लगता है कि नई शिक्षा नीति-2020 के लागू होते ही शिक्षा में बहुत कुछ बदल जाएगा। अच्छी बात ये है कि शिक्षा नीति की चर्चा राजनीतिक सभाओं में भी हो रही है। इसे रोजगारपरक नीति के तौर प्रचारित किया जा रहा है।
बदलाव में उत्तराखंड राज्य प्रथम स्थान पर आना चाहता है। सरकार की घोषणा के मुताबिक प्रथम आने को तमाम स्तरों पर प्रयास भी शुरू हो गए। हायर एजुकेशन में यूनिवर्सिटी/कॉलेज तैयारियों में जुटे हुए हैं। कार्यशालाएं हो रही हैं। हर स्तर पर दावा हो रहा है कि एनईपी को शत प्रतिशत धरातल पर उतारा जाएगा। इन दावों की परख यूनिवर्सिटी/कॉलेजों की तमाम स्थितियों/परिस्थितियों पर निर्भर करेगी।
शंका इस बात की है कि धार-खाल के कॉलेज और शहरों के कॉलेजों में नीति को एक समान लागू करने में दिक्कत न हो। इसके अलावा तमाम अन्य सवाल भी हैं। नीति के धरातल पर उतरने के ऐलान के बाद काफी कुछ सामने आएगा।