नरेंद्रनगर के जीआईसी ही नहीं जीजीआईसी के अस्तित्व पर भी संकट
नरेंद्रनगर। क्षेत्र के लोगों की मांग पर प्रस्तावित केंद्रीय विद्यालय के अस्तित्व में आते ही जीआईसी नरेंद्रनगर का ही नहीं जीजीआईसी के अस्तित्व पर भी संकट आना तय है।
ये लगभग तय हो गया है कि मौजूदा जीआईसी का भवन केंद्रीय विद्यालय संगठन को सौंपा जाएगा। सब कुछ ठीक ठाक रहा तो जल्द ही इसकी प्रक्रिया धरातल पर दिखेगी। क्षेत्र के लोग भी जल्द से जल्द नरेंद्रनगर में केंद्रीय विद्यालय देखना चाहते हैं।
वर्षों से ये मांग रही है। हर किसी को उम्मीद है कि केंद्रीय विद्यालय में क्षेत्र के नौनिहालों को क्वालिटी एजुकेशन मिलेगी। केंद्रीय विद्यालय के पक्ष में तमाम तर्क भी दिए जा रहे हैं। बहरहाल, केंद्रीय विद्यालय के अस्तित्व में आते ही जीआईसी नरेंद्रनगर का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।
विभागीय स्तर पर इसे निपटने के लिए जो प्लान बनाया गया है उसके मुताबिक जीआईसी नरेंद्रनगर को जीजीआईसी नरेंद्रनगर में मर्ज किया जाएगा। यानि जीजीआईसी नरेंद्रनगर का नाम बदल जाएगा। ये सहशिक्षा केंद्र बन जाएगा। ऐसा होता है तो जीजीआईसी, नरेंद्रनगर के अस्तित्व पर भी संकट आएगा।
मुख्य शिक्षाधिकारी ललित मोहन चमोला ने माना कि जीआईसी नरेंद्रनगर में केंद्रीय विद्यालय खुलने पर इसे जीजीआईसी में मर्ज कर दिया जाएगा। जीआईसी में तैनात शिक्षक/शिक्षणेत्तर कर्मियों, जीजीआईसी की शिक्षिकाओं में कौन नए सहशिक्षा केंद्र में तैनात होगा से संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा कि इस पर अभी कुछ तय नहीं है। ये शासन के स्तर से तय होना है।