श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में विद्यार्थियों का समावेशन कार्यक्रम
ऋषिकेश। श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के ऋषिकेश परिसर के हिंदी विभाग द्वारा स्नातकोत्तर प्रथम सत्र के विद्यार्थियों के लिए आयोजित समावेशन कार्यक्रम (इंडक्शन ) संपन्न हो गया।
समावेशन कार्यक्रम में नवीन सत्र में नामांकित विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम और पाठ्यचर्या से परिचय कराया गया। विभागाध्यक्ष प्रो. मुक्ति नाथ याद प्रो. श्रीमती कल्पना पंत और प्रो. अधीर कुमार की उपस्थिति में विभाग के अन्य विद्यार्थियों के साथ नवीन छात्रों का परिचय कराया गया।
साथ ही विभाग की अपेक्षाओं से उन्हें अवगत कराया गया। इस मौके पर प्रो. कल्पना पंत ने कहा कि छात्र/छात्राओं को पढ़ने की आदत डालनी चाहिए। उन्हें केवल परीक्षा को ध्यान में रखकर नहीं बल्कि व्यक्तित्व के समग्र विकास हेतु हर तरह का साहित्य पढ़ना चाहिए।
जितना ज्यादा पढ़ेंगे सोच का विस्तार उतना ही अधिक होगा। प्रोफेसर पंत ने कहा कि बच्चों को पुस्तकालय जाकर पढ़ने की आदत डालनी चाहिए ,उन्हें प्रश्न पूछने की आदत डालनी चाहिए। प्रो. अधीर कुमार ने कहा कि हिंदी साहित्य का दायरा काफी व्यापक है।
विद्यार्थियों के लिए बहुत सारी चीजें प्रतीक्षा में है, उसके लिए उन्हें तैयार रहना चाहिए ।जीवन की शिक्षा जितनी अधिक हिंदी साहित्य के द्वारा होती है किसी भी अन्य विषय के द्वारा नहीं । हिंदी साहित्य ना केवल विद्यार्थी को प्रतियोगिता के लिए तैयार करता है बल्कि एक अच्छा नागरिक भी बनाने में मदद करता है।
विभागाध्यक्ष प्रो. मुक्तिनाथ यादव ने बताया कि विभाग का प्रयत्न होगा कि विद्यार्थियों को कॉलेज नहीं बल्कि विश्वविद्यालय स्तर की शिक्षा प्रदान की जाए। विभाग के द्वारा शोध कार्य की दिशा में विद्यार्थियों को मौका दिया जाएगा।विद्यार्थियों के लिए शैक्षणिक एवं मूल्यांकन के तौर-तरीकों में बदलाव किया जाएगा। प्रत्येक विद्यार्थी को अनिवार्यतः मौखिक प्रस्तुतीकरण हेतु तैयार रहना होगा। उन्होंने बताया कि दिनांक चार जनवरी से एम.ए. प्रथम सेमेस्टर की कक्षाएं विधिवत प्रारंभ होंगी।