क्या लग रहा नरेंद्रनगर विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं का रूख

नरेंद्रनगर। नरेंद्रनगर विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं के रूख से इस बार क्या लग रहा है ? क्या बन और कैसे बिगड़ रहे हैं विधानसभा क्षेत्र के राजनीतिक समीकरण। कहां की और कब की बात दिखा रही असर।
इस सप्ताह या अगले सप्ताह राज्य में विधानसभा चुनाव की तिथियों का ऐलान हो सकता है। सरकार के काम निपटाने की गति और राजनीतिक दलों के मूवमेंट से काफी कुछ स्पष्ट भी हो रहा है। विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव लड़ने की इच्छुक नेताओं की सक्रियता एका एक बढ़ गई है।
इन्हीं सक्रियताओं के बीच हिन्दी न्यूज पोर्टल www.tirthchetna.com ने टिहरी जिले की नरेंद्रनगर विधानसभा के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया। लोगों से जानने का प्रयास किया कि क्या हैं मुददे और क्या चल रहा लोगों के मन में। क्या बन और कैसे बिगड़ रहे हैं राजनीतिक समीकरण।
नरेंद्रनगर विधानसभा सीट पर अभी तक हुए चार चुनावों में कांग्रेस ने दो, भाजपा और यूकेडी ने एक-एक बार जीत हासिल की। 2017 को छोड़ दिया जाय तो तीन चुनावों में यहां क्लोज फाइड हुई। 2007 में हार-जीत चार वोट से हुई।
राज्य गठन के बाद के राजनीतिक परिदृश्य पर गौर करें तो नरेंद्रनगर विधानसभा किसी दल का गढ़ साबित नहीं हुआ। यहां व्यक्ति चुनाव जीतते रहे। भाजपा यहां मजबूत संगठन का दावा करती है। मगर, उसे इस सीट पर जीत 2017 में कांग्रेस से आए सुबोध उनियाल को मैदान में उतारकर ही नसीब हुई।
बहरहाल, स्कोर बोर्ड देखें तो यहां कांग्रेस 2002 और 12 चुनाव जीत चुकी है। यूकेडी ने 2007 में चुनाव जीता। 2022 पर संभावनाओं पर गौर करें तो यहां विभिन्न वजहों से समीकरण बन और बिगड़ रहे हैं। तमाम बातें चर्चा में हैं। ये बातें समीकरणों में तड़के का काम कर रही हैं।
लोगों के रूख से साफ लग रहा है कि मतदाताओं की नजर विकास के पैमाने पर भी है। व्यक्तित्व को भी नापा जा रहा है। कही-अनकही बातें भी मतदाताओं के रूख में देखी और महसूस की जा रही हैं। इत्तर चेहरों को लेकर उलहाने भी सुनने को मिले। विभिन्न राजनीतिक दलों के अंदर की बातें मतदाताओं के रूख को आकार देने में मदद कर रहे हैं।