सीआरपी और बीआरपी के पदों पर प्रवक्ताओं की नियुक्ति का होगा विरोध

राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ का ऐलान
तीर्थ चेतना न्यूज
देहरादून। सीआरपी और बीआरपी के पदों प्रवक्ताओं की नियुक्ति का राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ विरोध करेगा। कहा कि विभाग बुनियादी शिक्षा के अनुभवों की अनदेखी कर रहा है।
बुधवार को उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने ऑनलाइन बैठक में देहरादून, टिहरी, उत्तरकाशी, अल्मोड़ा, चम्पावत, एवं बागेश्वर जिले के पदाधिकारियों ने शिरकत की। देहरादून के जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह रावत ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि बीआरपी/सीआरपी में प्रवक्ताओं की नियुक्ति का पुरज़ोर विरोध किया जायेगा।
उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ जनपद टिहरी के जिलाध्यक्ष श्री चन्द्रवीर सिंह नेगी ने बीआरसी और सीआरसी की नियुक्ति प्रक्रिया में प्राथमिक शिक्षकों को दरकिनार करने पर रोष प्रकट किया है। चमोली के जिलाध्यक्ष दिगंबर सिंह नेगी एवं जिला मंत्री मुकेश नेगी तथा राकेश तिवाड़ी द्वारा स्पष्ट रूप से कहा गया कि समग्र शिक्षा अभियान कक्षा एक से कक्षा 12 वीं तक की कक्षाओं के लिए संचालित किया जाता है।
बावजूद इसके बुनियादी शिक्षा एक से आठवीं के महत्त्वपूर्ण पहलू को दरकिनार कर लगातार प्राथमिक शिक्षकों की अनदेखी किया जाना समझ से परे है। जनपद चम्पावत के जिलाध्यक्ष गोविन्द सिंह वोहरा ने कहा कि प्राथमिक संवर्ग में प्रवक्ता को अवसर देना प्राथमिक शिक्षकों के हितों के विरुद्ध षड्यंत्र है, कहा प्राथमिक शिक्षा में योग्य शिक्षकों की कमी नहीं है, पूर्व में भी बीआरसी और सीआरसी के पदों पर प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्तियां होती रही हैं।
जिलाध्यक्ष किशोर जोशी व मंत्री जगदीश भण्डारी,अल्मोड़ा ने कहा कि वर्तमान में मात्र इन पदों के लिए प्रवक्ता को पात्र माना जाना समझ से परे है। इसके विपरीत प्राथमिक के शिक्षकों का मनोबल स्वाभाविक रूप से गिरेगा।
जिलाध्यक्ष बागेश्वर विक्रम पिल्खवाल के द्वारा अवगत कराया गया कि पूर्व में उत्तर प्रदेश के समय में 1997 में स्पष्ट रूप से शासनादेश था की जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में चार पद प्राथमिक संवर्ग के सुरक्षित थे। तत्समय डायटों में कुशल प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा शिक्षण कार्य करवाया जाता था। लेकिन आज डायटों में सिफारिशी शिक्षकों की फौज है इसलिए बुनियादी शिक्षा (प्राथमिक ) में जो क्रांति आनी चाहिए थी वह स्पष्ट रूप से नहीं दिखाई देती।
जिलाध्यक्ष उत्तरकाशी उदय बिष्ट के अनुसार यहां भी प्राथमिक शिक्षकों के साथ अन्याय किया गया है, प्राथमिक शिक्षक को पूरे सेवाकल में एक ही पदोन्नति का लाभ मिलता है उसके ऊपर प्रवक्ता को प्रतिनियुक्ति पर भेजना प्राथमिक शिक्षा का अवैधानिक रूप से कुछ अधिकारियों के द्वारा माध्यमिकरण और प्रवक्ताओं को ट्रांसफर या मनमाफिक समायोजन करने की चाल है।
जिला मंत्री प्रीतम सिंह बर्थवाल व उधमसिंहनगर, सितारगंज के शिक्षक नेता सुदेश उप्रेती ने कहा कि योग्यता के बावजूद प्राथमिक शिक्षकों के 4 पदों को जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों से पृथक कर दिया गया है और अब सीआरपी व बीआरपी के पदों से प्राथमिक के शिक्षकों को वंचित रखा जा रहा है। अतः प्राथमिक शिक्षक संघ के विभिन्न जनपदों के पदाधिकारियों ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि सीआरसी/ बीआरसी के पदों पर तथा डाइट में प्राथमिक संवर्ग के शिक्षकों को नियुक्त नहीं किया जाता है तो प्राथमिक शिक्षक संघ चरणबद्ध रूप से आंदोलन करने पर मजबूर होगा।
यहाँ तक कि यदि प्राथमिक शिक्षकों को ब्लॉक स्तर से लेकर जिला स्तर अथवा राजधानी की सड़कों पर भी धरना प्रदर्शन करने की मजबूर किया गया तो वो संयुक्त रूप से ऐसा करेंगे और सीआरसी/ बीआरसी के पदों पर प्रवक्ता की नियुक्ति का विरोध करेंगे, इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी एवं उत्तरदायित्व राज्य सरकार की होगा। बैठक में जिलाध्यक्ष विक्रम पिल्खवाल, गोविन्द वोहरा, किशोर जोशी, जगदीश भंडारी, प्रकाश जोशी, चन्द्रवीर सिंह नेगी, प्रीतम सिंह बर्थवाल, मनोज नेगी, राकेश तिवाड़ी, मनमोहन रांगड़, श्री जितेन्द्र रावत, विनोद लखेड़ा, गंभीर सिंह, व अन्य शिक्षक नेताओं ने गहरे रोष के साथ सीआरसी/ बीआरसी के पदों को प्रवक्ताओं से भरने के निर्णय का विरोध किया।