कुलपति प्रो. एनके जोशी पहली बार पहुंचे ऋषिकेश परिसर

कुलपति प्रो. एनके जोशी पहली बार पहुंचे ऋषिकेश परिसर
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प्राध्यापकों से परिचय के साथ ही प्राथमिकताओं को रखा

तीर्थ चेतना न्यूज

ऋषिकेश। श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एनके जोशी ने विश्वविद्यालय के ऋषिकेश परिसर का निरीक्षण किया।

कुलपति संभालने के बाद गुरूवार को पहली बार कुलपति प्रो. एनके जोशी विश्वविद्यालय के एक मात्र संचालित परिसर पहुंचे। प्राध्यापकों से सामान्य परिचय के बाद उन्होंने विश्वविद्यालय का रोडमैप प्रस्तुत किया। प्रो. जोशी के पास परिसर की खासी जानकारी है। प्राध्यापकों के साथ चर्चा में ऐसा झलका भी।

कुलपति प्रो. जोशी ने विश्वविद्यालय को आगे ले जाने के लिए प्राथमिकताओं के बारे में भी बताया। कहा कि हमें रिसर्च पर आगे बढ़ना है। विश्वविद्यालय को देश के टॉप विश्वविद्यालयों की पांत में शामिल करना है।

कुलपति प्रो. एनके जोशी ने कहा कि विश्वविद्यालय में नए व्यावसायिक कोर्स शुरू किए जाएंगे। कंप्यूटर, मैनेजमेंट के कार्स शुरू करना प्राथमिकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अच्छे टीम वर्क से लक्ष्य का हासिल किया जाएगा।

इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव आरके भटट, प्रो. पीके सिंह, प्रो. कल्पना पंत, प्रो. गुलशन धीगड़ा, प्रो. संगीता मिश्रा, प्रो. एमएस रावत, प्रो. दिनेश गोस्वामी, प्रो. नवीन शर्मा, डा. वीके गुप्ता, प्रो. मुक्तिनाथ यादव, प्रो. एसपी सती, प्रो. योगेश शर्मा, प्रो. एपी सिंह, प्रो. कंचनलता शर्मा, डा. वीएन गुप्ता, डा. हितेंद्र परमार, डा. पूनम पाठक, डा. शिखा ममगाईं आदि मौजूद थे।

 

परिसर को सही से स्थापित करना होगा कुलपति के लिए चुनौती

ऋषिकेश। ऋषिकेश परिसर को सही से स्थापित करना नए कुलपति प्रो. एनके जोशी के लिए बड़ी चुनौती होगा। देखने वाली बात होगी कि वो इस चुनौति से पार पा सकेंगे या नहीं। 

विश्वविद्यालय का ऋषिकेश परिसर ऑटोनोमस कॉलेज को समाप्त करके अस्तित्व में आया। तीन साल में ऑटोनोमस कॉलेज जैसी व्यवस्थाएं भी परिसर नहीं बना सका है। पढ़ाई के माहौल पर तो अभी चर्चा लायक स्थिति भी नहीं है। कुछ संस्थागत कमियां जरूर होंगी। मगर, ऑटोनोमस जैसा माहौल तो बनाया ही जा सकता था।

इस तरह से परिसर को सही तरीके से स्थापित करना कुलपति के लिए बड़ी चुनौती होगी। इस चुनौती को पार पाने के लिए जरूरी है कि कॉलेज के लिए योग्य प्रिंसिपल/ कैंपस डायरेक्टर की जल्द से जल्द तैनाती हो।

बगैर इसके परिसर की तमाम जड़ता को समाप्त करना मुश्किल हागा। ताकि परिसर पर भी आम लोग ऑटोनोमस कॉलेज जैसा भरोसा और गर्व कर सकें। अभी किसी भी स्तर पर ऐसा नहीं दिख रहा है। लोगों में तमाम शिकायतें हैं।

Tirth Chetna

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