कागज पत्रों में उलझा श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय
तीर्थ चेतना न्यूज
ऋषिकेश। श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय कागज पत्रों में उलझकर रह गया है। परिणाम 12 सालों मंे आशातीत विकास नहीं दिख रहा है। परिसर की बधाई लेने उपलब्धि के तौर पर बताने वाले जनप्रतिनिधियों को विश्वविद्यालय से पूछने का वक्त नहीं मिल पा रहा है कि आखिर हो क्या रहा है।
श्री देव सुमन विश्वविद्यालय के दो परिसर गोपेश्वर और नैखरी उसकी राह देख रहे हैं। दोनों क्षेत्र की आम जनता चाहती है कि विश्वविद्यालय के बड़े-बड़े प्रोफेसर उक्त दो परिसरों की व्यवस्था संभालें। ताकि उक्त दोनों परिसर भी ऋषिकेश परिसर की तरह चमकें। मगर, फिलहाल इसकी सूरत बनती नहीं दिख रही है।
नैखरी परिसर के लिए 77 पदों का प्रस्ताव विश्वविद्यालय ने शासन को भेज दिया है। ये बात अलग है कि गोपेश्वर और नैखरी परिसर के मर्जर का मामला अभी लटका हुआ है। इसको लेकर कागज पत्र खूब चल रहे हैं। मगर, हो कुछ नहीं रहा है। बताया जा रहा है कि गोेपेश्वर परिसर को लेकर क्षेत्र की पॉलिटिक्स आड़े आ रही है।
गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, गोपेश्वर को विश्वविद्यालय का परिसर घोषित करने के बाद इसकी बधाई लेने वाले जनप्रतिनिधि इसे उपलब्धि के तौर पर बताते रहे हैं। ऐसा ही कुछ नए नवेले नैखरी परिसर को लेकर भी हो रहा है। जनप्रतिनिधि विश्वविद्यालय या सरकार से पूछ नहीं पा रहे हैं कि आखिर उक्त दोनों परिसर धरातल पर कब उतरेंगे।
क्या विश्वविद्यालय सभी धाणी देहरादून जिले के ऋषिकेश तक ही सीमित रखना चाहता है। आम लोगों के स्तर से ये सवाल उठने लगे हैं। इस संबंध मंे विश्वविद्यालय का पक्ष नहीं मिल सका। कुलपति प्रो. एनके जोशी का फोन नहीं उठा। विश्वविद्यालय का पक्ष मिलने पर प्रमुखता से प्रकाशित किया जाएगा।