गवर्नमेंट पीजी कॉलेज रूद्रपुर में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ
तीर्थ चेतना न्यूज
सरदार भगत सिंह गवर्नमेंट पीजी कॉलेज,, रूद्रपुर के समाजशास्त्र विभाग ,के बैनर तले भारत का समृद्ध सांस्कृतिक अतीत रू चिन्ताएँ और वास्तविकताओं का रहस्योद्घाटन “ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी शुरू हो गई।
भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र का प्रारम्भ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ । समाजशास्त्र विभाग की छात्राओं ने इस अवसर पर स्वागत गीत प्रस्तुत किया । इसी क्रम में इतिहास विभाग की असिस्टेंट प्रोफ़ेसर डॉ. अपर्णा सिंह ने अतिथियों के स्वागत में ‘शगुन आँखर ‘ प्रस्तुत किया ।
मुख्य वक्ता अंतर्राष्ट्रीय समाजशास्त्र परिषद के संयोजक प्रोफ़ेसर भूप सिंह गौर ने कहा कि भाषा और आचरण के स्तर पर हम अभी भी औपनिवेशिक मानसिकता के शिकार हैं । आपने भारत के समृद्ध सांस्कृतिक अतीत की विशेषताओं का ज़िक्र करते हुए कहा कि भारत की संस्कृति एक सर्व समावेशी संस्कृति है ।
कार्यक्रम में उच्च शिक्षा उत्तराखंड के उप निदेशक प्रो. आर. एस. भाकुनी ने सेमिनार के आयोजन पर हर्ष व्यक्त किया । आपने बताया कि नई शिक्षा नीति -२०२० के माध्यम से भारत सरकार ने भारत के अतीत की गौरवशाली परम्पराओं से युवाओं को जोड़ने का प्रयास किया है ।
समारोह के मुख्य अतिथि न्यूपा विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर कुमार सुरेश ने कहा कि भारतीय संस्कृति की विविधता में छुपे एकता के तत्वों को समझने की ज़रूरत है । आपने आगे कहा कि जब तक हम विविधता के तत्वों को आत्मसात नहीं करेंगे तब तक सही मायनों में भारत को विश्व गुरु बनाना सम्भव नहीं होगा ।
समारोह के विशिष्ट अतिथि प्रो. बी.एम. कुमार ने प्राचीन काल की परम्परागत शिक्षा व्यवस्था की सराहना करते हुए वर्तमान शिक्षा के क्षेत्र में आमूल चूल परिवर्तन की आवश्यकता है।
उद्घाटन समारोह के अंत में समारोह के अध्यक्ष महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफ़ेसर डी.सी. पन्त ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए इस तरह के सेमिनार की आवश्यकता पर बल दिया । आपने बताया कि आज इस बात की ज़रूरत है कि भारत के समृद्ध अतीत से आज के युवाओं को परिचित कराया जाय । इस तरह के सेमिनार भारतीय युवावों के समक्ष संस्कृति से संदर्भ में व्याप्त भ्रमों का निवारण करते हुए वास्तविकता का रहस्योद्घाटन करते हैं ।
इस मौके पर प्रो. डी.एस. बिष्ट ाल , प्रो. ज्योति जोशी ने विचार रखे। सेमिनार के इस तकनीकी सत्र में देश के विभिन्न भागों से आए शिक्षकों और शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए । तकनीकी सत्र में प्रोफ़ेसर सुभाष , प्रो. ज्योति जोशी , डॉ. प्रकाश लखेड़ा , डॉ. दीपक पालीवाल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । इस कार्यक्रम का संचालन हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रोफ़ेसर शम्भूनाथ पाण्डेय ने किया । कार्यक्रम में डा. राजेश कुमार समेत महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक उपस्थित रहे ।