राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से मिले परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती
गंगा आरती के लिए किया आमंत्रित
तीर्थ चेतना न्यूज
ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती और जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती ने भारत की प्रथम नागरिक राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू जी से भेंट कर उन्हें भारत के 15 वें राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित होने हेतु शुभकामनायें अर्पित की।
शनिवार को हुई मुलाकात में स्वामी ने उन्हें बधाई दी। साथ ही उनका राष्ट्रपति पद पर निर्वाचित होना भारत के लिये कई मायनों में सुखद परिणाम लेकर आयेगा। मेरा विश्वास है कि इस दौर में भारत निश्चित रूप से नया अध्याय लिखेगा।
स्वामी ने कहा कि श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी महिला सशक्तिकरण और हाशिए पर खड़े समाज के लिए उम्मीद की एक किरण हैं। इससे भारत के प्रत्येक नागरिक में राजनीतिक चेतना विकसित होगी तथा यह भारत की आधी आबादी के लिए भी प्रेरणादायक साबित होगा। इससे महिला सशक्तिकरण की अवधारणा को न सिर्फ बल मिला है बल्कि इस दिशा में किए जा रहे सभी प्रयासों को गति भी मिलेगी।
स्वामी ने कहा कि भारत अपनी समृद्ध कला और सांस्कृतिक विरासत के लिये पूरे विश्व में जाना जाता है। भारत का इतिहास और अतीत गौरवशाली रहा है। भारत सत्यमेव जयते के सूत्र पर जीता है। सर्वे भवन्तु सुखिनः और वसुधैव कुटुम्बकम् जैसे दिव्य मंत्रों का उद्घोषक भारत न केवल इन मंत्रों को गाता है बल्कि इन्हें जीता भी है।
भारत, यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता आदि दिव्य मंत्रों के आदर्शों को स्वीकार करते हुये ऊँच-नीच और भेद-भाव की संस्कृति से उपर उठकर समत्व, समरसता और सद्भाव में विश्वास करता हैं।
जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि माननीय राष्ट्रपति जी ने अपनी विगत परमार्थ निकेतन यात्रा और गंगा आरती की दिव्य स्मृतियों को हमारे साथ साझा किया, वे अत्यंत रोमांचित अनुभव कर रही थी। देवभूमि उत्तराखंड और गंगा जी के प्रति उनकी अपार निष्ठा देखकर हृदय गद्गद हो गया।
स्वामी जी ने माननीय राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू जी को हिमालय की हरित भेंट रूद्राक्ष का पौधा, गोमुख के जल से युक्त गंगाजली और सद्साहित्य भेंट कर विश्व विख्यात गंगा आरती में सहभाग करने हेतु आमंत्रित किया।