कौशल विकास, एकीकरण और आत्मनिर्भरता पर केन्द्रित है एनईपी-2020ः प्रो नौटियाल
श्रीनगर। नई शिक्षा नीति 2020 एकीकरण द्वारा आत्मनिर्भरता हेतु कौशल विकास पर केंद्रित है। इसके माध्यम से शिक्षा की बेहतरी को धरातल पर उतारा जाना चाहिए।
ये कहना है एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल का। प्रो. नौटियाल विश्वविद्यालय के फैकल्टी डेवेलपमेंट सेंटर द्वारा आयोजित ऑनलाइन शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग प्रोग्राम के उद्घाटन सत्र के शुभारंभ के मौके पर बोल रहीं थी।
ा“स्ट्रेटजीज फॉर इम्प्लीमेंटेशन ऑफ़ नेशनल एजुकेशन पालिसी 2020” विषय पर आयोजित प्रोग्राम सप्ताह भर चलेगा। इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से विभिन्न उच्चशिक्षण संस्थानों में कार्यरत शिक्षक प्रतिभाग कर रहे हैं।
बहरहाल, प्रो. नौटियाल ने स्टेक होल्डर्स को -प्राथमिक से उच्च शिक्षा तक सभी लाभार्थियों को- समन्वित ढंग से देखने की आवश्यकता पर जोर दिया। कहा कि छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए डिग्री और डिप्लोमा कार्यक्रमों के अतिरिक्त अनुवाद, सम्प्रेषण और पर्यटन सम्बन्धी कौशल विकास की आवश्यकता है।
इस योजना को कार्यान्वित करने के लिए अपेक्षित संसाधनों का प्रबंधन, संस्थानों, तकनिकी और ज्ञान के एकीकृत प्रयोग से किया जा सकता है। उन्होंने पुनः कहा कि आलोचनात्मक और रचनात्मक सोच साथ- साथ चलते हैं। इस उद्देश्य के लिए अध्यापकों को आधुनिकतम ज्ञान से संपन्न होना चाहिए; क्योंकि वे ही समाज में परिवर्तन की चेतना के संवाहक होते हैं।
बतौर मुख्य अतिथि तथा की नोट स्पीकर के रूप में बोलते हुए प्रो.जेपी पचौरी, कुलपति, हिमालयीय विश्वविद्यालय, देहरादून, उत्तराखंड ने कहा कि भारतीयता, शिक्षा का सर्वतोमुखिकरण, नैतिक मूल्यों का विकास और मातृभाषा में शिक्षा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के चार स्तम्भ हैं; जिनका उद्देश्य आर्थिक विकास करते हुए ज्ञान से परिपूर्ण समाज का निर्माण है।
इसके लिए शिक्षकों की प्रतिबद्धता और छात्रों और समाज के साथ जुड़ाव आवश्यक है और तभी हम गुणवत्तापरक शिक्षा और शोध के अपेक्षित परिणामों की बात कर सकते हैं । कार्यक्रम की संयोजिका एवं निदेशक,फैकल्टी डेवेलपमेंट सेंटर प्रो. इन्दु पाण्डेय खण्डूड़ी, ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए इस कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्यों,आवश्यकता एवं प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।
उन्होंने बल देते हुए कहा कि दूरदर्शिता, कार्य और लक्ष्यों की दृष्टि से नयी शिक्षा नीति 2020 नवाचार से युक्त है। छात्रों की पूर्ण प्रतिभा, बहुमुखी ज्ञान और कौशल का यथोचित उपयोग करते हुए उनका विकास करने के सन्दर्भ में यह बहुत ही महत्त्वाकांक्षी है।
इस उद्देश्य से सूचना, सम्प्रेषण, तकनीकी, डिजिटल टीचिंग, पेडागोजी, शिक्षण के सैद्धांतिक और प्रायोगिक पक्षों, बहुविषयी शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया के सन्दर्भ में शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में फैकल्टी मेंबर्स को देश भर के रिसोर्स परसन डिस्प्ले, व्याख्यान तथा परिचर्चा द्वारा प्रशिक्षित करेंगे ।
रिसर्च असोसिएट,फैकल्टी डेवेलपमेंट सेंटर डा. कविता भट्ट, द्वारा अतिथि और सत्र के अध्यक्ष का परिचय करवाया गया। संचालन डॉ. आरके सिंह ने किया।