जीआईसी लैंसडाउन में अन्तरविद्यालयीय काव्य-गोष्ठी
छात्र/छात्राओं ने प्रस्तुत की स्वरचित कविताएं
तीर्थ चेतना न्यूज
जयहरीखाल। राजकीय आदर्श इंटरमीडिएट कॉलेज लैंसडाउन, जयहरीखाल में आयोजित अंतरविद्यालयीय काव्य गोष्ठी में छात्र/छात्राओं ने स्वरचित कविताएं प्रस्तुत की।
हिंदी साहित्य भारती उत्तराखंड, साहित्यसुधा डॉट इन तथा शैलपुत्री फाउंडेशन, उत्तराखंड के संयुक्त तत्त्वावधान में आयोजित अन्तरविद्यालयीय काव्य-गोष्ठी का अध्यक्ष डॉ. कविता भट्ट ’शैलपुत्री’ तथा मुख्य अतिथि श्री मयंक प्रकाश कोठारी जी सहित अन्य अतिथिगण ने माँ शारदा के चित्र के समक्ष द्वीप प्रज्ज्वलन से किया।
गोष्ठी में राजकीय आदर्श इंटरमीडिएट कॉलेज लैंसडाउन, जयहरीखाल, राजकीय बालिका इंटरमीडिएट कॉलेज लैंसडाउन तथा राजीव गाँधी अभिनव विद्यालय के छात्र/छात्राओं द्वारा स्वरचित तथा अपने पसंदीदा कवियों की कविताओं का वाचन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ कार्यक्रम तत्पश्चात राजकीय आदर्श इंटरमीडिएट कॉलेज की छात्राओं ने संगीत वाद्ययंत्रों सहित सरस्वती वंदना तथा स्वागत गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में उपस्थित छात्र/छात्राओं ने भरपूर उत्साह के साथ अपनी प्रतिभागिता दर्ज की। जहाँ एक ओर कुछ छात्र/छात्राओं ने रामधारीसिंह दिनकर, माखनलाल चतुर्वेदी जी जैसे सुप्रतिष्ठित कवियों की कविताएं प्रस्तुत की वहीं दूसरी ओर कई उत्साहित प्रतिभागियों ने स्वरचित कविताओं से उपस्थित श्रोताओं का मन मोह लिया।
कार्यक्रम में कोटद्वार से उपस्थित हिंदी साहित्य भारती के जनपद संगठन मंत्री रोशन बलूनी ने अपनी देशभक्ति प्रधान तथा पहाड़ों की दुर्दशा पर आधारित कविताओं से ख़ूब तालियाँ बटोरी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मयंक प्रकाश कोठारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि निरन्तर अभ्यास ही उत्कृष्ट काव्य सृजन का आधार है और निश्चित ही आज के ये बच्चे कल एक अच्छे चिंतक व साहित्यकार बनेंगे।
कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ. कविता भट्ट ’शैलपुत्री’ जी ने अपने उद्बोधन में हिंदी भाषा, साहित्य तथा भारतीय संस्कृति के दार्शनिक पक्ष पर विस्तार से अपने विचार रखे। विशेष आमंत्रित अतिथि प्रमोद खंडूरी ने वर्तमान समय में व्याप्त अकर्मण्यता तथा भ्रष्टाचार के प्रति सचेत किया।
विशिष्ट अतिथि श्रीमती रामेश्वरी बड़वाल जी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि प्रतिभागियों द्वारा प्रस्तुत भावपूर्ण कविता वाचन निश्चित ही इस कार्यक्रम की बड़ी उपलब्धि है। कार्यक्रम संयोजन दिनेश चंद्र पाठक ने अपने वक्तव्य में कहा कि अपनी साहित्यिक तथा सांस्कृतिक विरासत को नई पीढ़ी तक हस्तांतरित करना आज एक बड़ी चुनौती है। हमारे नौनिहालों में सृजन के प्रति रुचि उत्पन्न करना ही इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है।
कार्यक्रम में 30 से अधिक छात्र/छात्राओं ने अपनी प्रस्तुति दी। इसके अतिरिक्त शिक्षकों में से श्रीमती भावना सती, श्रीमती देवेश्वरी रावत, छात्राध्यापिका गीतांजलि गौड़, निधि ने अपनी काव्य प्रस्तुति दी। मंच संचालन हिंदी साहित्य भारती के जनपद उपाध्यक्ष पंकज ध्यानी ने किया। विद्यालय के प्रधानाचार्य चंद्रमोहन नेगी ने आयोजक संस्थाओं को हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि निश्चित रूप से यह कार्यक्रम उपस्थित छात्र/छात्राओं के लिये अत्यंत ही लाभदायक सिद्ध होगा। कार्यक्रम के अंत में सभी छात्र /छात्राओं तथा अतिथिगणों को प्रमाण-पत्र तथा स्मृति चिह्न प्रदान किये गए।