गवर्नमेंट पीजी कॉलेज अगस्त्यमुनिः हस्त पुस्तिका वर्षा जल संग्रहण का विमोचन
अगस्त्यमुनि। गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, अगस्त्यमुनि में “मुख्यमंत्री नवाचार योजना“ के अंतर्गत “नवाचार क्लब“ के माध्यम से स्वामी रामकृष्ण प्रेक्षागृह में हस्त पुस्तिका वर्षा जल संग्रहण का विमोचन किया गया।
कार्यक्रम में नगर पालिका की अध्यक्ष श्रीमती अरूणा बेंजवाल ने बतौर मुख्य अतिथि हस्त-पुस्तिका “वर्षा जल संग्रहण“ का विमोचन किया। इस अवसर पर श्रीमती बेंजवाल ने जल की महत्ता को परम्परा से जोड़कर कहा कि राजा भगीरथ की तीन पीढ़ियाँ गंगा नदी को धरती पर लाने में खत्म हो गयी थी, हमें उनके अथक प्रयास का महत्व समझना होगा।
समय के साथ गाँव-घरों में धारे, कुँए, नाले सूख रहे हैं, इस विकट समस्या के समाधान के लिए वनों की सुरक्षा करना आवश्यक है। प्राचार्य प्रो. पुष्पा नेगी ने कहा कि जल, जंगल, जमीन और जीवन को एक धरातल से जोड़कर ही हम जल संरक्षण के कार्य को मूर्त रूप प्रदान कर सकते हैं।
उन्होंने गुरुगोविंद सिंह की प्रेरक उक्ति “सवा लाख से एक लड़ाऊँ, तब गोविंद सिंह नाम कहलाऊँ“ के माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति के मूलभूत दायित्व से जल – सुरक्षा का संदेश दिया। कॉलेज की प्रिंसिपल प्रो. पुष्पा नेगी ने छात्र/छात्राओं को “परीक्षा पर चर्चा“ कार्यक्रम से जुड़ने एवं पूर्ण मनोयोग से सफल भविष्य की तैयारी करने हेतु भी प्रेरित किया।
प्राध्यापिका डॉ. दीप्ति राणा ने जल को जीवन और संस्कृति का पर्याय बताते हुए कहा कि भूजल का स्तर निरन्तर घटना एवं कारखानों इत्यादि के माध्यम से जल प्रदूषित होना संकटमय भविष्य का संकेत है, जल – संरक्षण के लिए जंगलों के अत्यधिक दोहन पर रोक लगाना आवश्यक है।
इस अवसर पर छात्र/छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी गयी तथा उत्कृष्ट छात्र-छात्राओं को पारितोषिक वितरित किया गया । मंच संचालन तकनीकी नोडल अधिकारी डॉ. नवीन खंडूरी ने किया एवं नोडल अधिकारी डॉ. हरिओम शरण बहुगुणा ने महाविद्यालय में गतिमान “रैन वाटर हार्वेस्टिंग“ प्रोजक्ट की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि जल नैसर्गिक है, जल का कोई विकल्प नहीं।
इन समस्त कार्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थी प्रेक्टिकल वर्क के साथ-साथ अपने घर, गाँव, पंचायत एवं नगरों में जागरूकता का कार्य करेंगे ऐसा हमारा विश्वास है। कार्यक्रम में नवाचार क्लब के सदस्य डॉ. सुधीर पेटवाल, डॉ. चन्द्रकला नेगी, डॉ. अनुज कुमार , डॉ. तनुजा मौर्य, डॉ. ममता थपलियाल एवं डॉ. कनिका बड़वाल ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई । इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. के.पी. चमोली, डॉ. जितेंद्र सिंह, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. शशिबाला पँवार, डॉ. सुनील भट्ट, डॉ. मदन नेगी, डॉ. सोनी आर्य एवं कर्मचारी मुकेश, ताहिर इत्यादि सहित लगभग 150 छात्र/छात्राएँ उपस्थित थे।